खगड़िया के परबत्ता प्रखंड की कबेला पंचायत स्थित डुमरिया खुर्द गांव निवासी रिटायर्ड सूबेदार निलेश कुमार की मॉडर्न फार्मिंग इन दिनों चर्चा का विषय बने हुए हैं। उन्होंने अपने खेतों में विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की फार्मिंग शुरू की है, जो स्थानीय किसानों के लिए एक नई दिशा प्रदान कर रही है। एक फेमस शो में ड्रैगन फ्रूट को देख मिली उगाने की प्रेरणा जनवरी 2023 में सेना से सूबेदार पद से सेवानिवृत्त होने के बाद निलेश कुमार का रुझान खेती की ओर बढ़ा। उन्हें एक फेमस शो देखते समय मंच पर रखे ड्रैगन फ्रूट से प्रेरणा मिली, जिसके बाद उन्होंने खगड़िया की मिट्टी में इसकी खेती की संभावना पर विचार किया। इस विचार को साकार करने के लिए उन्होंने यूट्यूब से तकनीकी जानकारी हासिल की। मार्च 2024 में उन्होंने आसनसोल से 900 पौधे मंगवाए और उन्हें 800 पोल पर रोपित किया। इस परियोजना में अब तक 8 लाख रुपये से अधिक की लागत आई है। फूल आने के 45 दिनों के भीतर तैयार हो जाता है फल निलेश कुमार के अनुसार, ड्रैगन फ्रूट का पौधा एक बार लगाने पर 20 से 25 साल तक फल देता है। फूल आने के 45 दिनों के भीतर फल तैयार हो जाता है, और जून से नवंबर के बीच इसकी वृद्धि सबसे तेज़ होती है। बाजार में इसकी कीमत 150 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम है। उनकी पूरी खेती 100% जैविक पद्धति से की जा रही है, जिससे फल की गुणवत्ता उच्च बनी रहती है। उच्च लागत और इसमें लगने वाली मेहनत को देखते हुए निलेश कुमार ने अपने बागान को चारों ओर से तारबंदी कर सुरक्षित किया है। चोरी या किसी भी प्रकार के नुकसान से बचाव के लिए हर कोने पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पहले ड्रैगन फ्रूट काे लेकर बाजार में हिचक, अब बढ़ रही मांग निलेश कुमार ने बताया कि इस खेती में समय और धन दोनों का निवेश होता है, इसलिए उन्होंने अपनी मेहनत को सुरक्षित रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं। शुरुआती दिनों में जब निलेश कुमार ड्रैगन फ्रूट लेकर बाजार पहुंचे, तो लोगों और कई दुकानदारों ने इस विदेशी फल को पहचानने या खरीदने में हिचकिचाहट दिखाई। हालांकि, अब इसकी मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है।
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