कैमूर के भभुआ स्थित सदर अस्पताल में चिकित्सा कर्मियों को सरकारी क्वार्टर की सुविधा नहीं मिल पा रही है। इसके चलते अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं सीधे तौर पर प्रभावित हो रही हैं। स्टाफ को शहर के विभिन्न इलाकों में किराये के मकानों में रहना पड़ रहा है, जबकि सरकार की ओर से दिया जाने वाला किराया भत्ता कम है। महिला स्वास्थ्यकर्मियों को रात ड्यूटी रात में होती दिक्कत सबसे अधिक चुनौतियां उन महिला स्वास्थ्यकर्मियों को झेलनी पड़ रही हैं, जिनकी ड्यूटी रात के समय होती है। अस्पताल परिसर में आवास उपलब्ध न होने के कारण उन्हें अपने घरों से लगभग एक घंटा पहले निकलना पड़ता है। जल्दबाजी में घर के काम निपटाकर ड्यूटी पर पहुंचना उनकी रोज़मर्रा की मजबूरी बन गई है। ठंड के मौसम में रात के समय परिवहन की उपलब्धता बेहद कम हो जाती है, जिससे उनकी सुरक्षा की चिंता बढ़ जाती है। कई बार ऑटो या रिक्शा भी नहीं मिल पाता, ऐसे में उन्हें पैदल चलकर ही अस्पताल पहुँचना पड़ता है। महिला स्टाफ ने बताया कि जिन घरों में पुरुष सदस्य नहीं होते, उन्हें अकेले अस्पताल आना-जाना पड़ता है, जो सुरक्षा की दृष्टि से एक गंभीर मुद्दा है। आपातकालीन स्थितियों में चिकित्सकों को देर से अस्पताल पहुंचना पड़ता है, जिससे मरीजों की जान पर भी असर पड़ सकता है। चिकित्साकर्मियों ने सरकार से मांग की है कि अस्पताल परिसर में जल्द से जल्द सरकारी क्वार्टर का निर्माण किया जाए। इससे आपातकालीन सेवाओं की गति बढ़ेगी और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित होगी। जिला प्रशासन के ध्यान देने से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में निश्चित ही सुधार होगा।
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