कैमूर में संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को जिला प्रशासन द्वारा मां मुंडेश्वरी सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसकी अध्यक्षता जिला पदाधिकारी ने की। इस कार्यक्रम में जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के कर्मी और शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक वाचन था। जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रतिभागियों ने संविधान के प्रति निष्ठा, नागरिक कर्तव्यों के पालन तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान पूरा सभागार राष्ट्रभावना और संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान से भर उठा। संविधान भारत की आत्मा – जिला पदाधिकारी अपने संबोधन में जिला पदाधिकारी ने कहा कि संविधान भारत की आत्मा है, जो हमें अधिकारों के साथ जिम्मेदारियों का भी बोध कराता है। उन्होंने जोर दिया कि समाज में समानता, न्याय और स्वतंत्रता के सिद्धांतों को जीवन में उतारना हर नागरिक का दायित्व है। संविधान दिवस का उद्देश्य नागरिकों को उनके मूल अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना है। जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए जिला पदाधिकारी ने आगे कहा कि इसके लिए सामाजिक सौहार्द, लोकतांत्रिक सहभागिता और संवैधानिक आचरण को प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से संविधान की मूल भावना समझकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। सभी विभागों को संवैधानिक भावनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए। अधिकारी-कर्मी और प्रखंड स्तर तक के प्रतिनिधि शामिल इस आयोजन में विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मी और प्रखंड स्तर तक के प्रतिनिधि शामिल हुए। सभी ने संविधान के आदर्शों को व्यवहार में उतारने का संकल्प व्यक्त किया। यह कार्यक्रम संविधान के प्रति आदर, जागरूकता और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
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