कैमूर के पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं में वृद्धि का सीधा असर पर्यटकों की संख्या पर पड़ा है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अनुसार, पिछले 3 सालों में कैमूर में पर्यटकों का आगमन अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2022-2023 में जहां मात्र 50 हजार पर्यटक आए थे, वहीं 2023-2024 में यह संख्या बढ़कर 2.50 लाख हो गई, जो लगभग 5 गुना वृद्धि दर्शाती है। इसके बाद 2024-2025 में 7.50 लाख पर्यटकों ने कैमूर का दौरा किया। साल 2025-2026 में 10 लाख पर्यटकों के आने की संभावना चालू वित्तीय साल 2025-2026 में 10 लाख पर्यटकों के आने की संभावना जताई गई है। अप्रैल 2025 से अक्टूबर 2025 तक ही 4 लाख 73 हजार 986 पर्यटक पहुँच चुके हैं। यह आँकड़ा करकटगढ़ जलप्रपात आने वाले सैलानियों को छोड़कर है। पर्यटन का पीक सीजन दिसंबर और जनवरी दिसंबर और जनवरी को पर्यटन का पीक सीजन माना जाता है, ऐसे में 10 लाख का लक्ष्य आसानी से पूरा होने की उम्मीद है। वन प्रमंडल पदाधिकारी संजीव कुमार रंजन ने बताया कि पर्यटकों की लगातार बढ़ोतरी से जिले का राजस्व भी तेजी से बढ़ रहा है। प्रमुख स्थलों पर व्यापक सुविधाएं विकसित की गई कैमूर में दुर्गावती जलाशय, तेलहार कुंड जलप्रपात, करकटगढ़ जलप्रपात, जगदहवा डैम और मुंडेश्वरी धाम पार्क जैसे प्रमुख स्थलों पर व्यापक सुविधाएं विकसित की गई हैं। पर्यटकों के लिए सुगम मार्ग, कैंटीन, मोटर बोट सुविधा, दौरा के लिए गाड़ी, आवासन और फव्वारे जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। सुरक्षा के लिए गार्ड और विभागीय कर्मी लगातार तैनात रहते हैं। इन सुविधाओं में सुधार के कारण कैमूर आज एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में उभर रहा है। प्राकृतिक सौंदर्य और बढ़ती सहूलियतों के चलते जिले का पर्यटन उद्योग लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
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