बौद्ध जगत के प्रख्यात धर्मगुरु, विद्वान और करुणा के प्रतीक भदंत डॉ. ज्ञाणिस्सरा के निधन पर बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (BTMC) ने गहरा दुख व्यक्त किया है। समिति ने कहा कि यह केवल म्यांमार या भारत का नहीं, बल्कि पूरे बौद्ध संसार का अपूरणीय क्षति है। भदंत डॉ. ज्ञाणिस्सरा उत्तर प्रदेश के कुशीनगर स्थित कुशीनारा म्यांमार मठ में निवास करते थे। वहीं उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन बुद्ध के धम्म के प्रचार-प्रसार और संघ व श्रद्धालुओं की सेवा में समर्पित कर दिया था। वे अपने ज्ञान, करुणा और धर्म की गहरी समझ के लिए विश्वभर में सम्मानित थे। 1998 से 2017 तक बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य रहे थे BTMC ने बताया कि वर्ष 1998 से 2017 तक भदंत डॉ. ज्ञाणिस्सरा बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सम्मानित सदस्य रहे। इस दौरान उन्होंने महाबोधि महाविहार की धरोहर और बुद्ध धम्म के प्रसार में अतुलनीय योगदान दिया। समिति ने कहा कि उनके मार्गदर्शन में बोधगया की आध्यात्मिक पहचान को नई दिशा मिली और विश्व समुदाय के बीच बोधगया की प्रतिष्ठा और गहरी हुई।समिति ने कहा कि उनके निधन से बौद्ध समाज ने एक ऐसे दीपस्तंभ को खो दिया है जो धम्म के मार्ग को करुणा और प्रज्ञा से आलोकित करता रहा। BTMC ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि भदंत डॉ. ज्ञाणिस्सरा का जीवन और उपदेश सदैव लोगों को बुद्ध के बताये शांति और करुणा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते रहेंगे। समिति की ओर से कहा गया है कि हम संघ, श्रद्धालुओं और विश्वभर के अनुयायियों के साथ मिलकर दिवंगत भंते को नमन करते हैं। उनकी आत्मा को शांति और सर्वोच्च निर्वाण की प्राप्ति हो।
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