किशनगंज शहर के बस स्टैंड के पास स्थित टाउन हॉल और आश्रय स्थल का प्रांगण कचरे के ढेर में तब्दील हो गया है। नगर परिषद की कथित लापरवाही के कारण यहां गंदगी लगातार बढ़ रही है, जिससे स्थानीय निवासियों, बस यात्रियों और आश्रय स्थल में रहने वाले बेघर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्लास्टिक, खाद्य अपशिष्ट और पुराने कागजात से भरा प्रांगण टाउन हॉल परिसर में प्लास्टिक, खाद्य अपशिष्ट, पुराने कागजात और अन्य घरेलू कचरा बिखरा पड़ा है। इस कारण पूरे इलाके में दुर्गंध फैल गई है। सुबह-शाम बसों से आने-जाने वाले यात्रियों और बस स्टैंड के दुकानदारों को विशेष रूप से समस्या हो रही है। बस स्टैंड के एक चाय दुकानदार ने बताया कि बदबू के कारण ग्राहक नाक पर रुमाल रखकर चाय पीने को मजबूर हैं। उन्होंने कई बार शिकायत की है, लेकिन सफाई कर्मचारी महीने में केवल एक-दो बार आते हैं और केवल ऊपरी सफाई करके चले जाते हैं। बेघर लोग दुर्गंध में सोने को मजबूर, बीमारियों का डर आश्रय स्थल की स्थिति भी चिंताजनक है। यहां रहने वाले बेघर लोग कचरे के ढेर के बीच सोने को मजबूर हैं। एक बुजुर्ग निवासी राम कृष्ण ने बताया कि उन्हें मच्छर और बीमारियों का डर सताता है। रात में कचरे की बदबू के कारण नींद नहीं आती, और नगर परिषद के अधिकारी कभी निरीक्षण के लिए नहीं आते। जेडीयू नेता मोहम्मद मकसूद अंसारी उर्फ अनवर ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि टाउन हॉल शहर का एक प्रतिनिधि भवन है और आश्रय स्थल बेघर लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। लोगों ने कहा, सफाई अभियान चलाकर हो सफाई की व्यवस्था इतनी महत्वपूर्ण जगहों पर कचरे का ढेर होना नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। उन्होंने तत्काल विशेष सफाई अभियान चलाने और नियमित सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। शहरवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि यह कचरा न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरा है, बल्कि किशनगंज शहर की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहा है।
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