किशनगंज जिले के दिघलबैंक थाना क्षेत्र में झाड़-फूंक के बहाने एक विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने और फिर निजी वीडियो वायरल कर ब्लैकमेल करने के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश एससीएसटी सुरेश कुमार की अदालत ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। दुष्कर्म और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई अदालत ने दिघलबैंक थाना क्षेत्र निवासी आरोपी सरफराज आलम को दुष्कर्म व आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में दोषी करार देते हुए 10 वर्षों के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख दस हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर एक माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। इस वाद में सजा की बिंदु पर विशेष लोक अभियोजक आदु लाल ने अदालत में जोरदार दलीलें पेश की। दुष्कर्म के आरोपों में दस वर्ष की सश्रम और 50 हजार रुपये अर्थ दंड की सज़ा ,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की अपराध के लिए तीन वर्ष सश्रम कारावास और बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। 66(ई) आईटी एक्ट के अपराध हेतु तीन वर्ष की सश्रम कारावास और बीस हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। 67 (ए) एक्ट के अपराध के लिए तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 20 हजार अर्थदंड की सज़ा सुनाई गई। तबीयत खराब होने पर आई संपर्क में आई, करता था ब्लैकमेल मामले में दो वर्ष पूर्व पीड़िता ने दिघलबैंक थाना में ये शिकायत दर्ज करवाई थी की,उसका पति मजदूरी के लिए पंजाब गया हुआ था और वह बच्चों के साथ अकेली घर पर थी। इस बीच उसकी तबीयत खराब हो गई। इस दौरान आरोपी सरफराज आलम ने खुद को झाड़-फूंक करने वाला बताया और इलाज के नाम पर उसके घर आने-जाने लगा। कुछ दिन बाद उसने झाड़-फूंक की और फिर धोखे से पीड़िता के साथ अंतरंग संबंध बनाए तथा चुपके से उसका वीडियो बना लिया।इसके बाद आरोपी ने वीडियो वायरल करने व जान से मारने की धमकी देकर लगातार ब्लैकमेल करता रहा और जबरन शारीरिक संबंध बनाता रहा। बदले की भावना से वीडियो सोशल मीडिया पर किया वायरल जब पीड़िता ने संबंध बनाने से साफ इंकार कर दिया था तो आरोपी ने बदले की भावना से वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे पीड़िता का मान-सम्मान बुरी तरह आहत हुआ। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश एससीएसटी सुरेश कुमार की अदालत ने सभी गवाहों व साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया और गुरुवार को सजा सुनाई। अदालत के फैसले के बाद पीड़िता ने राहत की सांस ली है।इधर अदालत के इस फैसले के बाद लोगों में न्याय के प्रति भरोसा और भी मजबूत हो गया है। वहीं लोगों ने इस फैसले का स्वागत किया है।इस फैसले पर न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है की ऐसे मामलों में दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
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