देहरादून में कल्कि धाम पीठाधीश्वर और कांग्रेस से भाजपा में आए आचार्य प्रमोद कृष्णम महाराज ने आज खुलासा करते हुए बताया कि कांग्रेस में रहते हुए उन्हें सीएम धामी के खिलाफ बयान देने के लिए कहा जाता था, उन्होंने कार्यक्रम के बाद मीडिया के सामने कहा- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का चरित्र एकदम साफ था, उनका दामन था, लेकिन कांग्रेस पार्टी चाहती थी कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को बदनाम किया जाए। दरअसल, आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर केंद्रित पुस्तक ‘पुष्कर धामीः हिमालय की जीवंत ऊष्मा’ के विमोचन कार्यक्रम में प्रमोद कृष्णम महाराज भी शामिल हुए थे, इस दौरान उन्होंने मंच से अपने संबोधन के दौरान सीएम धामी को साधु बताते हुए कहा- मैं किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ इसलिए नहीं हो सकता हूं कि वो विरोध दल या पार्टी के है, मैं पुष्कर सिंह धामी के खिलाफ अनर्गल बयान नहीं दूंगा, क्योंकि मैं साधु के खिलाफ बयान नहीं दे सकता। ‘बयान का खंडन करके लिए भी कहा गया’ प्रमोद कृष्णम महाराज ने आगे कहा- सीएम धामी को साधु कहने पर दिल्ली ने नाराजगी जाहिर की थी। दिल्ली से कहा गया था कि उस बयान का खंडन कर दीजिएगा खेद प्रकट कर दीजिएगा। इसके साथ ही मोद कृष्णम महाराज ने आगे कहा- जो सत्य को सरलता से सादगी के साथ सहर्ष स्वीकार करता हो वो साधु है। सीएम धामी पर आधारित है पुस्तक के विमोचन में पहुंचे राजभवन में हुआ यह कार्यक्रम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटायर्ड) की मौजूदगी में आयोजित किया गया। युवा लेखिका संभावना पंत द्वारा संकलित यह पुस्तक मुख्यमंत्री धामी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर आधारित है। कार्यक्रम में कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम महाराज, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल व पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी विशिष्ट अतिथि रहे अब जानिए कौन हैं प्रमोद कृष्णम- कांग्रेस से निष्कासन और BJP ज्वॉइनिंग आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस में करीब 40 साल रहे। वे दो बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, एक बार तो वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के खिलाफ भी लड़ चुके हैं और कांग्रेस संगठन में कई पदों पर रहे।
10 फरवरी 2024 को कांग्रेस ने अनुशासनहीनता के आरोप में उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने BJP ज्वाइन कर ली थी। निष्कासन के समय उन्होंने कहा था- “क्या कांग्रेस में रहना मतलब चमचागिरी करना और झूठ बोलना है? राम, राष्ट्र और सनातन पर कोई समझौता नहीं।”
रामलला प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होना और PM मोदी की तारीफ करना उनके खिलाफ लिया गया प्रमुख कदम बताया जाता है।
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