हिमाचल में कांगड़ा के शहीद विंग कमांडर नमांश स्याल की पार्थिव देह आज (रविवार को) उनके पैतृक गांव पहुंची, जहां कुछ देर बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। विंग कमांडर को अंतिम विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। इससे पहले उनकी पार्थिव देह दोपहर 1 बजे गग्गल एयरपोर्ट पहुंची। जहां कैबिनेट मंत्री यादवेंद्र गोमा, नगरोटा बगवां से विधायक आर.एस. बाली और शाहपुर से विधायक केवल सिंह पठानिया ने श्रद्धांजलि दी। दुबई एयर शो के दौरान शहीद हुए बता दें कि, बीते शुक्रवार को दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना का तेजस लड़ाकू विमान एक फ्लाइंग एक्सरसाइज के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस हादसे में कांगड़ा निवासी विंग कमांडर नमांश स्याल (34) शहीद हो गए थे। भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 2 बजे, तेजस विमान हवा में करतब दिखा रहा था कि अचानक नियंत्रण खो बैठा और दर्शकों के सामने जमीन से जा टकराया। टक्कर के कुछ ही क्षण बाद आग का बड़ा गोला और धुएं का गुबार उठता नजर आया। हादसा इतना तेज था कि पायलट खुद को बचा नहीं सके। शहीद नमांश के ताऊ जोगिंदर नाथ स्याल ने बताया कि उन्हें शाम करीब 3 बजे हादसे की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि वे सिधवाड़ी में रहते हैं और उनके किरायेदार, जिनके कोई परिचित दुबई में रहते हैं, ने शुरुआत में घटना की पुष्टि कराई। उन्होंने बताया कि विमान क्रैश हो गया है और पायलट की मौत हो चुकी है। इसके बाद मैंने अपने भाई को फोन कर पूरी जानकारी दी। पत्नी आईआईएम कोलकाता में अंडर ट्रेनिंग जोगिंदर नाथ ने बताया कि नमांश स्याल सेलूर एयरबेस पर तैनात थे। उनकी पत्नी इस समय IIM कोलकाता में अंडर ट्रेनिंग हैं। उनकी एक बेटी है जो पहली कक्षा में पढ़ती है। नमांश के माता पिता दोनों बहू और नमांश की बेटी के साथ रह रहे थे। भाई लगभग एक महीने पहले ही घर आए थे और करीब 10–12 दिन पहले फिर वहां गए थे। उन्होंने बताया कि शहीद की एक बहन है जिसकी शादी हमीरपुर में हुई है। पार्थिव देह लगभग 2 बजे के आसपास गांव में पहुंचने की संभावना है। सैनिक स्कूल से मिली थी देशसेवा की राह नमांश स्याल कांगड़ा जिले की पटियालकर पंचायत के रहने वाले थे। उनके पिता जगन्नाथ स्याल भारतीय सेना में अधिकारी रहे। बाद में वे हिमाचल शिक्षा विभाग में स्कूल प्रिंसिपल के पद से सेवानिवृत्त हुए। नमांश ने सुजानपुर स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ाई की और 2005 बैच से पासआउट थे। बाद में उन्होंने ग्रेजुएशन के साथ एयरफोर्स में शामिल होने की तैयारी की थी। शहीद नमांश के परिवार में उनकी पत्नी अफसान, एक बेटी और माता-पिता हैं।
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