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कश्मीर में NIA की धुआंधार छापेमारी: ‘सफेदपोश’ मॉड्यूल के तार, लाल किला विस्फोट से जुड़ा कनेक्शन

राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) पिछले महीने लाल किला विस्फोट की जाँच के सिलसिले में कश्मीर घाटी में एक साथ छापेमारी कर रही है। केंद्रीय एजेंसी ने पुष्टि की है कि उसने नई दिल्ली में दर्ज एक मामले में आठ जगहों पर छापे मारे हैं और तलाशी ली है। सूत्रों ने बताया कि सोमवार तड़के, एनआईए के जाँचकर्ताओं ने दक्षिण कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में एक साथ तलाशी ली। केंद्रीय जाँच एजेंसी की अलग-अलग टीमों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में डॉ. अदील अहमद राठेर और पुलवामा के कोइल गाँव में डॉ. मुज़म्मिल शकील गनई के घर पर छापेमारी की। केंद्रीय एजेंसी ने शोपियां में मौलवी मुफ़्ती इरफ़ान अहमद वागे और पुलवामा के संबूरा गाँव में आमिर राशिद के घर पर भी छापेमारी की।
 

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इन चारों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पिछले महीने पुलिस द्वारा भंडाफोड़ किए गए अंसार ग़ज़वातुल हिंद आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। इस मॉड्यूल में डॉ. उमर नबी समेत चार डॉक्टर शामिल थे, जो लाल किला मेट्रो स्टेशन के बाहर हुए विस्फोट में कार चला रहा था, जिसमें 13 लोग मारे गए थे और 32 घायल हुए थे। इनमें से तीन – डॉ. अदील, डॉ. मुज़म्मिल और लखनऊ निवासी डॉ. शाहीन शाहिद – को लाल किला विस्फोट से पहले फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था और पुलिस ने उनके पास से 350 किलोग्राम से ज़्यादा अमोनियम नाइट्रेट समेत भारी मात्रा में विस्फोटक बनाने का सामान बरामद किया था। विस्फोट के तुरंत बाद पुलिस ने आमिर राशिद को गिरफ्तार कर लिया था। डॉ. उमर जिस कार को चला रहे थे, उसका नाम यही था।
 

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बाद में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चारों आरोपियों को एनआईए को सौंप दिया, जिसने विस्फोट मामले की जाँच अपने हाथ में लेने के बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया। एनआईए इस मामले में पहले ही छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें तीन डॉक्टर आमिर, मुफ्ती इरफान और डॉ. अदील के पड़ोसी जसीर बिलाल शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी का उद्देश्य “साजिश का पर्दाफाश” करना और विस्फोट की जाँच से जुड़े किसी भी भौतिक या डिजिटल साक्ष्य को खोजना है।


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