DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

कला-साहित्य को बढ़ाता विश्व जन चेतना ट्रस्ट:नई पीढ़ी में भारतीय संस्कृति की भावना भर रहे डॉ राहुल शुक्ल साहिल

विश्व जन चेतना ट्रस्ट भारत एक राष्ट्रीय स्तर की पंजीकृत गैर-सरकारी संस्था है। जो साहित्य, संस्कृति और समाज सेवा—इन तीन मूल स्तंभों पर कार्य करती है। संस्था का उद्देश्य भारतीय भाषाओं, कला और सामाजिक चेतना को एक सूत्र में जोड़कर राष्ट्रीय एकता, मानवीय मूल्य और सांस्कृतिक पुनर्जागरण को सशक्त बनाना है। देश के विभिन्न राज्यों में सक्रिय शाखाओं के माध्यम से यह संस्था युवा सशक्तिकरण, साहित्यिक संवर्धन, सांस्कृतिक उत्सव और सामाजिक सेवा के क्षेत्रों में निरंतर योगदान दे रही है। जिससे भारत की विविधता और सांस्कृतिक आत्मा को नई दिशा और पहचान मिल रही है। दैनिक भास्कर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राहुल शुक्ल ‘साहिल’ ने बातचीत की। आइये पूरी बातचीत सवाल जवाब के क्रम पढ़ते है…. सवाल: राहुल जी, सबसे पहले बताइए — “विश्व जन चेतना ट्रस्ट भारत” क्या है और इसकी मूल भावना क्या है? जवाब: विश्व जन चेतना ट्रस्ट भारत एक राष्ट्रीय स्तर की गैर-सरकारी संस्था है जो साहित्य, संस्कृति और समाज सेवा — इन तीनों मूल स्तंभों पर कार्य करती है। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं, कला, और सामाजिक चेतना को एक सूत्र में जोड़कर राष्ट्रीय एकता व मानवीय मूल्यों को सशक्त बनाना है। सवाल: संस्था की कितनी शाखाएँ वर्तमान में कार्यरत हैं और उनके मुख्य उद्देश्य क्या हैं? जवाब: संस्था की कई सक्रिय शाखाएँ देश के विभिन्न राज्यों में कार्यरत हैं — उर्दू शाखा प्रयागराज: बज्म-ए-अहबाब — उर्दू साहित्य और शायरी के संवर्धन हेतु। युवा शाखा: युवा चेतना शक्ति — समाज सेवा, युवा नेतृत्व और जागरूकता अभियानों के लिए। सांस्कृतिक शाखा: सांस्कृतिक चेतना शक्ति — नृत्य, संगीत, चित्रकला और ललित कलाओं को मंच प्रदान करने हेतु। बिहार इकाई: मगही चेतना — मगधी भाषा के परिष्करण और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए। बाल साहित्य शाखा: नवांकुर साहित्य — बाल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन और बाल लेखन के संवर्धन हेतु। आभासी /डिजिटल (वाट्स एप ) समूह :
1. सोम छंद शाला — छंद साधना और उत्कृष्ट रचनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु। 2. “जय-जय हिंदी” – हिन्दी साहित्य 3. “जय- जय काव्य चित्रशाला” समूह – चित्रादि, वीडियो, एवं अन्य साहित्यिक उपलब्धियों हेतु सवाल: इन शाखाओं का संचालन कौन-कौन कर रहे हैं और संस्था की नेतृत्व टीम किनके हाथों में है? जवाब: संस्था के संस्थापक दिलीप कुमार पाठक सरस, राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार ,उत्तर प्रदेश अध्यक्ष साकिब सिद्धिकी ‘बादल’ , सचिव एवं मध्य प्रदेश इकाई अध्यक्ष नितेंद्र सिंह परमार,राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शरद श्रीवास्तव,”युवा चेतना शक्ति” की अध्यक्ष संध्या कनौजिया श्रीजी (प्रयागराज), सांस्कृतिक चेतना शक्ति अध्यक्ष पूनम तिवारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ राहुल शुक्ल ‘साहिल’ हैं। सवाल: संस्था किन- किन राज्यों में कार्य कर रही है? जवाब: वर्तमान में संस्था 8 से अधिक राज्यों में सक्रिय है और सैकड़ों साहित्यकार, कलाकार, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा सदस्य संस्था से जुड़ चुके हैं। प्रयागराज, बनारस, बीसलपुर, बरेली, लखनऊ, सहित उत्तर प्रदेश के अन्य जिलें, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड , बिहार, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, दिल्ली, व अन्य प्रदेशों के लोग विश्व जनचेतना ट्रस्ट भारत परिवार के अहम सदस्य हैं। सवाल: सांस्कृतिक क्षेत्र में संस्था के कौन-कौन से प्रमुख कार्यक्रम या आगामी योजनाएँ हैं? जवाब: संस्था आने वाले समय में “राष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव” और “बाल कला सम्मान समारोह” जैसे कार्यक्रम आयोजित करेगी। हमारा उद्देश्य ग्रामीण और नगर स्तर पर कला को पहचान दिलाना है। विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रतिभा खोज अभियान चलाने की भी योजना है। सवाल: सामाजिक सेवा के क्षेत्र में संस्था ने अब तक क्या किया है और आगे क्या करने जा रही है? जवाब: युवा चेतना शक्ति शाखा के माध्यम से संस्था स्वास्थ्य सेवा शिविर, रक्तदान अभियान, जागरूकता अभियान, वृद्ध सहायता कार्यक्रम और पर्यावरण संवर्धन जैसे कार्य कर रही है। आगे हम स्वास्थ्य सेवा और विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय स्तर के सम्मान समारोह कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। वैदिक विद्यालय संचालन की भी योजना है।
सवाल: संस्था का रजिस्ट्रेशन कहां से हुआ है और क्या यह नियमित ऑडिट एवं प्रशासनिक प्रक्रिया का पालन करती है? जवाब: संस्था एक पंजीकृत ट्रस्ट है, जिसका रजिस्ट्रेशन भारत सरकार के अंतर्गत हुआ है। संस्था नियमित रूप से वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट तैयार करती है, और सभी गतिविधियाँ पारदर्शिता के साथ की जाती हैं। सवाल: क्या संस्था को किसी प्रकार का सरकारी अनुदान या सहयोग प्राप्त है? जवाब: वर्तमान में संस्था किसी भी सरकारी सहायता या अनुदान पर निर्भर नहीं है। यह पूर्णतः स्वयंसेवी योगदान और सदस्यों की सहभागिता से संचालित होती है। हमारी प्राथमिकता आत्मनिर्भर होकर सेवा और साहित्य दोनों को आगे बढ़ाना है। सवाल: संस्था डिजिटल प्लेटफॉर्म पर किस प्रकार सक्रिय है? जवाब: हमारी वेबसाइट https://ift.tt/VZo6jRM के माध्यम से साहित्य, समाचार, कार्यक्रमों और सदस्यों की जानकारी प्रकाशित होती है। साथ ही सोम छंद शाला, जय जय हिंदी और जय जय काव्य चित्रशाला जैसे ऑनलाइन मंचों ने हिंदी और उर्दू साहित्य को देश-विदेश तक पहुँचाया है। सवाल: भविष्य में संस्था की सबसे बड़ी प्राथमिकताएँ क्या होंगी? जवाब: हमारी प्राथमिकता है — युवा चेतना, सांस्कृतिक पुनर्जागरण, भारतीय भाषाओं का संवर्धन और साहित्यिक प्रतिभाओं को राष्ट्रीय पहचान देना। हम चाहते हैं कि हर राज्य में “जन चेतना” की मशाल जले और भारत की सांस्कृतिक आत्मा पुनः प्रकाशमान हो।


https://ift.tt/dNp7hMw

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *