कटिहार के फलका थाना क्षेत्र की मोरसंडा पंचायत स्थित बरंडी नदी में एक डॉल्फिन की मौत हो गई। आरोप है कि मछली तस्करों द्वारा नदी में जहर डाले जाने के कारण डॉल्फिन ने दम तोड़ा। शुक्रवार सुबह ग्रामीणों ने डॉल्फिन को नदी में बहते देखा और उसे बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी हालत गंभीर हो चुकी थी। ग्रामीणों के अनुसार, डॉल्फिन को नदी से बाहर निकालने के कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई। यह घटना मोरसंडा पंचायत के कमला घाट के पास हुई। ‘हथियाशुर’ जाल बिछाकर और जहर डालकर मछलियां पकड़ते हैं तस्कर खंतर ऋषि, अजय कुमार और विनय कुमार सहित स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि मछली तस्कर नदी में ‘हथियाशुर’ जाल बिछाकर और जहर डालकर मछलियां पकड़ते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कमला घाट के आसपास वीरो सिंह, मुकेश महलदार, निक्कू मंडल और कृष्ण महलदार जैसे व्यक्ति इन गतिविधियों में लिप्त हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गुरुवार रात भी नदी में बड़ी मात्रा में जहर डालकर मछलियां मारी गई थीं। आशंका है कि इसी जहर के कारण नदी का पानी दूषित हो गया, जिसकी चपेट में आने से डॉल्फिन की मौत हुई। मछली तस्कर हर साल नदी में डालते हैं जहर ग्रामीणों ने इस बात पर चिंता जताई कि मछली तस्करों द्वारा हर साल नदी में जहर डालने से छोटी मछलियों और अन्य जलीय जीवों की मौत हो जाती है। इससे न केवल पानी दूषित होता है, बल्कि वायु प्रदूषण का खतरा भी बढ़ता है, जिसका आम जनजीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इन अवैध गतिविधियों के कारण छोटे मछुआरों की आजीविका पर भी संकट आ गया है। मछली माफिया जहर का उपयोग कर बड़ी मात्रा में मछलियां पकड़ लेते हैं, जिससे स्थानीय मछुआरों की दैनिक आय प्रभावित होती है। डॉल्फिन को पोस्टमॉर्टम के लिए देहरादून भेजा गया इस मामले में डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर मंटू कुमार ने बताया कि ग्रामीणों से फलका की बरंडी नदी में डॉल्फिन की मौत की शिकायत मिली थी। सूचना के आधार पर घटनास्थल पर पहुंचकर डॉल्फिन को पोस्टमॉर्टम के लिए देहरादून भेजा गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही डॉल्फिन की मौत का सही कारण स्पष्ट हो पाएगा कि यह जहर से हुई है या किसी अन्य वजह से।
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