साहित्य आजतक 2025 के तीसरे दिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और अभिनेत्री स्मृति ईरानी ने मंच से महिलाओं के संघर्ष, राजनीतिक यात्रा और न्यायिक प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों पर बेहद स्पष्ट और निर्भीक बातचीत की. उन्होंने बताया कि ओहदा मिलने से संघर्ष खत्म नहीं होता, बल्कि उसका रूप बदल जाता है. कोर्ट में 14 साल से चल रहे केस का उदाहरण देते हुए ईरानी ने कहा कि असली पहचान जिगर और साहस की होती है, न कि पद की.
https://ift.tt/Fw1mTV8
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply