विश्व एड्स दिवस पर भागलपुर में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम एआरटी सेंटर की ओर से जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के सेमिनार हॉल में संपन्न हुआ। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को एचआईवी-एड्स के प्रति जागरूक करना, बचाव के उपाय बताना और समाज में फैली गलतफहमियों को दूर करना था। कार्यक्रम में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अभिलेश कुमार और वरीय चिकित्सक डॉ. हेमशंकर शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। दोनों विशेषज्ञ चिकित्सकों ने एचआईवी-एड्स के संक्रमण के कारण, इसके लक्षण, इलाज और रोकथाम के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी। समय पर जांच और नियमित उपचार जरूरी डॉ. अभिलेश कुमार ने बताया कि एड्स एक लाइलाज बीमारी नहीं है। समय पर जांच और नियमित उपचार से मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। उन्होंने लोगों से एचआईवी की जांच कराने और किसी प्रकार की झिझक या भय न रखने की अपील की। डॉ. हेमशंकर शर्मा ने सुरक्षित यौन व्यवहार, साफ-सुथरे इंजेक्शन का उपयोग, संक्रमित रक्त से बचाव और गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने जोर दिया कि जागरूकता ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार की ओर से मुफ्त जांच, उपचार और दवाइयों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। जागरूकता संदेश को समाज तक पहुंचाने का संकल्प कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मेडिकल स्टाफ, नर्सिंग छात्र-छात्राएं और मेडिकल के विद्यार्थी मौजूद रहे। सभी ने विशेषज्ञों की बातों को ध्यान से सुना और जागरूकता संदेश को समाज तक पहुंचाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने एड्स के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने और दूसरों को भी जागरूक करने की शपथ ली।
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