क्राइम रिपोर्टर |मोतिहारी जिले के उद्यमियों की बिजली संबंधित समस्याएं अविलंब दूर हो जाएगी। स्थानीय स्तर पर निष्कर्ष नहीं निकलने पर वह मुख्यालय स्तर पर अपनी समस्या को बेहिचक रख सकेंगे। विद्युत भवन, पटना में सीएमडी स्वयं सीधे उद्यमियों की समस्याओं को सुनेंगे। इसको लेकर विभागीय स्तर पर निर्देश जारी किया गया है। प्रत्येक गुरूवार को विद्युत भवन में शिविर लगेगा। उद्यमी बिजली कटौती, फॉल्ट आदि की समस्या को सीमएडी के समक्ष रख सकेंगे। उद्यमियों को प्रोत्साहित करना इसका उद्देश्य है। गौरतलब हो कि जिले में कुल 272 उद्यमी हैं, जो अपने इंडस्ट्रीज में 20 से लेकर 1500 केवीए क्षमता तक बिजली का उपयोग करते हैं। उद्यमियों की तीन श्रेणी निर्धारित है। पहला लो-टेंशन इंडस्ट्रियल सर्विसेज (एलटीआईएस)- यह ऐसे उद्यमी हैं, जिनका उद्योग में 20 किलोवाट से अधिक की बिजली की खपत है। वहीं 70 मेगावाट से अधिक खपत वाले उद्यमियों की उच्च कोटी में गिनती होती है। इस श्रेणी अंतर्गत इंडस्ट्रीज सेक्टर में 11 केवी तक क्षमता का बिजली का उपयोग होता है। इनमें कोल्डस्टोरेज, बर्फ फैक्ट्री, चावल फैक्ट्री, आटा फैक्ट्री, बैग फैक्ट्री, अटैची फैक्ट्री, ऑक्सीजन प्लांट, फूड प्रोसेसिंग प्लांट आदि शामिल हैं। कृषि आधारित उद्योग व ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप भी इसी श्रेणी का हिस्सा है। बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता आपूर्ति प्रदीप कुमार सुमन ने बताया कि प्रत्येक गुरूवार को विद्युत भवन, पटना में शिविर लगेगी। इसमें विभाग के सीएमडी स्वयं मौजूद रहेंगे। उद्यमी बिजली संबंधित समस्याओं को सीएमडी के समक्ष रख सकेंगे और उनकी समस्याओं को अविलंब दूर किया जाएगा। 20 किलोवाट से अधिक बिजली का उपयोग करने वाले इंडस्ट्रीज की संख्या 127 है जिले में 20 किलोवाट से अधिक बिजली की उपयोग वाले इंडस्ट्रीज की संख्या कुल 127 है। छोटे स्तर पर संचालित उद्योग में 20 किलोवाट से अधिक तक बिजली की खपत है। जबकि, 141 उच्च क्षेणी के उपभोक्ता हैं, जिनका इंडस्ट्रीज में 70 किलोवाट से अधिक बिजली की खपत है। जबकि, तीन ऐसे इंडस्ट्रीज स्थापित हैं, जिसमें 70-1500 केवीए की बिजली की खपत है। बड़े स्तर पर तेल, चावल तैयार करने वाली फैक्ट्री या इंडस्ट्रीज में 70-1500 केवीए बिजली की खपत है।
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