पिथौरागढ़ जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध पाताल भुवनेश्वर गुफा अब वर्षभर पर्यटकों के लिए खुली रखने की तैयारी शुरू हो गई है। बरसात के मौसम में यहां ऑक्सीजन की कमी की समस्या रहती है, जिसे दूर करने के लिए गुफा परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इससे श्रद्धालु बिना मौसम की बाधा के पूरी गुफा के दर्शन कर सकेंगे। गंगोलीहाट से लगभग 14 किमी दूर स्थित यह गुफा प्राकृतिक रहस्यों से भरी हुई है। कहा जाता है कि यह सृष्टि के आदिकाल से अस्तित्व में है और सृष्टि के अंत तक बनी रहेगी। एक मान्यता के अनुसार इस गुफा की खोज सबसे पहले त्रेता युग में अयोध्या के राजा ऋतुपर्णा ने की थी। यहां पहुंचकर श्रद्धालु 90 फीट नीचे एक संकरी सुरंग से उतरते हैं, जहां एक बड़ा कक्ष मिलता है, जिसमें भगवान गणेश, शेषनाग, शिवलिंग और भगवान शिव की जटाओं जैसी प्राकृतिक आकृतियां बनी हैं। हर साल 60 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं लेकिन बरसात में गुफा बंद रखनी पड़ती है। मंदिर समिति के अनुसार, अगर ऑक्सीजन प्लांट लग जाए तो यह धाम पूरे साल खुला रह सकेगा, जिससे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। पहले जानिए बरसात में क्यों बंद रहती है गुफा… मंदिर समिति के अध्यक्ष नीलम भंडारी के मुताबिक, अगस्त से अक्टूबर के बीच गुफा में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे पर्यटकों को परेशानी होती है। यही कारण है कि हर वर्ष बरसात में गुफा को बंद करना पड़ता है। समिति का कहना है कि यदि ऑक्सीजन की व्यवस्था हो जाए तो गुफा पूरे साल खोली जा सकती है। इस संबंध में जिलाधिकारी को प्रस्ताव भेज दिया गया है। ऑक्सीजन प्लांट पर विचार शुरू पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी आशीष कुमार भटगांई ने बताया कि मंदिर समिति ने ऑक्सीजन प्लांट लगाने की मांग रखी है। बरसात के मौसम में गुफा में ऑक्सीजन की कमी की समस्या को देखते हुए इस प्रस्ताव पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जल्द ही इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। 239 लाख से सुधरेंगी सुविधाएं, ASI से अनुमति भी मांगी गई जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने बताया कि मंदिर माला मिशन के तहत पाताल भुवनेश्वर गुफा के विकास कार्यों के लिए 239 लाख रुपए स्वीकृत हो चुके हैं। यह गुफा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के संरक्षण में आती है, इसलिए निर्माण या सुधार कार्यों के लिए अनुमति मांगी गई है। सुविधाएं बढ़ने से पर्यटकों की संख्या में बड़ा उछाल आने की संभावना है। भगवान शिव के भक्त थे अयोध्या के राजा गुफा के पुजारी नीलम भंडारी ने बताया कि अयोध्या के राजा ऋतुपर्णा भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। उन्होंने ही इस गुफा की सबसे पहले खोज की थी। वहीं अगर पौराणिक इतिहास से जुड़ी अलग-अलग किताबों पर नजर डालें तो पता चलता है कि राजा ऋतुपर्णा का साम्राज्य ईसा पूर्व 4720 के आसपास यानी आज से 6744 साल पहले था। बड़ा रहस्य लिये हुए है गुफा का चौथा बंद द्वार इस मंदिर की गुफा के भीतर चार द्वार हैं। कहा जाता है प्रत्येक द्वार हर युग यानी सतयुग, त्रेतायुग, द्वापर और कलियुग का प्रतीक हैं। जहां इन चार द्वारों में से तीन द्वार खुले हुए हैं, वहीं एक द्वार अभी बंद है। मान्यता है कि जिस दिन यह चौथा द्वार खुलेगा, उसी दिन कलियुग का अंत होगा।
अब जानिए पाताल भुवनेश्वर गुफा तक कैसे पहुंचे… ————- ये खबर भी पढ़ें… कुमाऊं-गढ़वाल की कालिंका के मेले में उमड़ी हजारों की भीड़, न्याजा यात्रा देख गदगद हुए भक्त गढ़वाल और कुमाऊं की सीमा पर स्थित प्राचीन कालिंका माता मंदिर में शनिवार को पारंपरिक जतोड़ मेला आयोजित हुआ। हर तीन साल में आयोजित होने वाले इस मेले में हजारों की संख्या में भक्त शामिल हुए। ठंडे मौसम के बावजूद सुबह से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। (पढ़ें पूरी खबर)
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