देश-विदेश के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर 100 करोड़ की ठगी के मामले में उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार प्रेमशंकर विद्यार्थी उर्फ अभिनव शर्मा उर्फ प्रेमप्रकाश उर्फ राजीव सिंह ने पटना में भी करीब 25 करोड़ की ठगी की थी। उस पर पटना के एसकेपुरी थाने में भी केस दर्ज है। उससे जुड़े संतोष, अर्णव, शुभम समेत अन्य पर भी इसी थाने में केस दर्ज है। साढ़े तीन साल पहले केस दर्ज हुआ था। औरंगाबाद और समस्तीपुर के इस गिरोह ने वर्ष 2022 में नीट यूजी की परीक्षा के बाद ही एसकेपुरी थाना इलाके में दफ्तर खोल रखा था। छात्रों के परिजनों ने जब खोजबीन की तो कार्यालय बंद कर फरार हो गए। तब परिजनों और छात्रों ने जमकर हंगामा किया था। उसके बाद रोहतास के रहने वाले श्याम बिहारी सिंह समेत सात लोगों के लिखित आवेदन पर एसकेपुरी थाने में केस दर्ज किया गया था। प्रेमप्रकाश औरंगाबाद के बारुण थाने के सिरिस फतेहपुर के, जबकि संतोष समस्तीपुर के दलसिंहसराय का रहने वाला है। अर्णव भी औरंगाबाद का रहने वाला है। सचिवालय एसडीपीओ-2 साकेत कुमार ने बताया कि पटना पुलिस दोनों को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। ऐसे करते थे ठगी
प्रेमशंकर और संतोष ने कई शहरों में एडमिशन कराने की कंसल्टेंसी खोली थी। ये दफ्तर उस वक्त खोले जाते हैं, जब नीट या इंजीनियरिंग की परीक्षा होती है और इसका परिणाम आने वाला होता है। किसी तरह से छात्रों के परिजनों का मोबाइल नंबर लेने के बाद कॉल किया जाता है और बताया जाता है कि आपके बेटे-बेटी का नंबर कम है, रकम देंगे तो देश-विदेश में कहीं भी दाखिला करा देंगे। इसी झांसे में परिजन आ जाते थे और मोटी रकम दे देते थे। तीन-चार माह तक टालमटोल करने के बाद सभी दफ्तर बंद कर फरार हो जाते थे।
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