इंटरनेशनल साइबर क्रिमिनल्स के गैंग से बचाकर एक बार फिर से बिहार के 6 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है। शुक्रवार की सुबह इन्हें दिल्ली से पटना लाया गया। फिलहाल सभी आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के पास हैं। यहां इनसे पूछताछ कतर घर भेजा जाएगा। इस मामले में आधिकारिक तौर पर EOU की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। 18 नवंबर को म्यांमार के म्यावाडी स्थित केके पार्क से 360 भारतीय लोगों का रेस्क्यू किया गया था। थाइलैंड के रास्ते इन सभी को दिल्ली लाया गया। इनमें बिहार के रहने वाले 6 लोग भी शामिल थे। अच्छी नौकरी और बेहतर सैलरी का दिया झांसा दरअसल, विदेश जाकर अच्छी नौकरी करने और बेहतर सैलरी पाने की चाह रखने वाले बिहार के कई लोग इंटरनेशनल साइबर क्रिमिनल्स के चंगुल में फंसे हैं। नौकरी के नाम पर उनसे जबरन ऑनलाइन ठगी कराई जा रही है। जो इस काम से इनकार करते हैं, उन्हें साइबर क्रिमिनल्स काफी टॉर्चर भी करते हैं। इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से ठोस कदम उठाया गया था। इस साल मार्च से लेकर अब तक बिहार के रहने वाले कुल 36 लोगों को रेस्क्यू कर वापस लाया जा चुका है। 13 मार्च को 14, 9 व 12 नवंबर को 8-8 और आज लाए गए 6 लोग शामिल हैं। इंटरनेशनल साइबर क्रिमिनल्स गैंग से बचाए गए 6 लोग सेल्समैन और डेटा ऑपरेटर की नौकरी का मिला था झांसा
EOU के अनुसार वापस लाए गए लोगों ने बताया कि उन्हें नौकरी के लिए विदेश भेजने वाले दलालों ने थाईलैंड के शॉपिंग मॉल में सेल्समैन, डाटा एंट्री ऑपरेटर और कुरियर डिलीवरी के काम का प्रलोभन दिया था। लेकिन, वहां पहुंचने पर म्यावाडी के केके पार्क में भर्ती कराया गया और सभी को साइबर ठगी के लिए लगा दिया गया। जबरन ठगी के लिए हर शख्स को टारगेट दिया गया। इसे पूरा नहीं करने पर जबरन जुर्माना भी वसूला जाता था। EOU के अनुसार वापस लाए गए सभी लोगों को उनके घर भेज दिया जाएगा। फिर इन सभी को 24 नवंबर को अपने जिला के साइबर थाना में उपस्थित होना होगा। वहां की टीम इनसे पूछताछ करेगी। इन्हें म्यांमार भेजने वाले दलालों की पहचान कर उन्हें पकड़ेगी। आर्थिक अपराध इकाई ने लोगों से नौकरी के नाम पर विदेश भेजने वालों से अलर्ट रहने की अपील की है।
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