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आसाराम की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची पीड़िता:बेल रद्द करने की मांग; कहा- उसका बाहर रहना केस और सुरक्षा के लिए खतरा

रेप केस में सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान और गुजरात हाईकोर्ट से मिली 6 महीने की अंतरिम जमानत को नाबालिग पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पीड़िता ने शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है कि आसाराम की जमानत तुरंत रद्द की जाए। क्योंकि उसका बाहर रहना केस और सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है। वहीं, गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार को आसाराम के साथ तीन पुलिसकर्मी रखने की शर्त हटा दी। हालांकि, कोर्ट ने आसाराम की उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें प्रवचन या समूह में अनुयायियों से मिलने की छूट मांगी गई थी। पीड़िता का तर्क: आसाराम का बाहर रहना खतरे से खाली नहीं
पीड़िता ने याचिका में राजस्थान और गुजरात हाईकोर्ट की ओर से स्वास्थ्य कारणों से दी गई जमानत के फैसले का विरोध किया है। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया है कि आसाराम का प्रभाव बहुत व्यापक है। यदि वह जेल से बाहर रहता है, तो गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश की जा सकती है। याचिका में यह भी कहा कि जिस अपराध में आसाराम को सजा हुई है, वह बेहद गंभीर प्रकृति का है। ऐसे में केवल मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उसे लंबे समय तक जेल से बाहर रखना न्यायसंगत नहीं है। पीड़िता ने उसके बाहर रहने को लेकर कई तरह की आशंका भी जताई है। आसाराम के कभी बाड़मेर, कभी अहमदाबाद घूमने का दावा
पीड़िता के वकील का कहना है कि आसाराम अंतरिम जमानत मिलने के बाद से ही एक से दूसरे शहर में घूम रहा है। अंतरिम जमानत के बाद कुछ दिन वह जोधपुर आश्रम में रहा, तो पिछले दिनों वह बाड़मेर में था। अब अहमदाबाद पहुंच चुका है। कोर्ट ने उसे बीमारी का इलाज कराने के लिए राहत दी थी, लेकिन वह यहां-वहां घूम रहा है, जो शर्तों का उल्लंघन है। राजस्थान और गुजरात हाईकोर्ट से मिली थी राहत
जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 अक्टूबर को आसाराम को बढ़ती उम्र और लगातार गिरते स्वास्थ्य का हवाला देते हुए इलाज के लिए 6 महीने की अंतरिम जमानत दी थी। इसी आदेश के आधार पर 6 नवंबर को गुजरात हाईकोर्ट ने भी रेप के एक अन्य मामले में उसे जमानत दे दी थी। लेकिन, उसमें आसाराम के साथ तीन पुलिसकर्मी रखने और समूह में साधकों से नहीं मिलने की शर्त भी थी। इन दोनों शर्तों को हटाने के लिए आसाराम की ओर से दोबारा गुजरात हाईकोर्ट में अर्जी लगाई गई थी। आसाराम को पॉक्सो एक्ट के तहत विशेष न्यायालय, जोधपुर ने 25 अप्रैल 2018 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। उस पर नाबालिग से रेप और अन्य संगीन आरोप थे।​ करीब 12 साल की कैद के बाद पहली बार 7 जनवरी 2025 को उसे मेडिकल कारणों से अंतरिम जमानत मिली थी। वह करीब 12 साल से जेल में बंद था। हाल ही में उसकी मेडिकल रिपोट्‌र्स में हार्ट और अन्य गंभीर बीमारियों का जिक्र किया गया था, जिसे आधार बनाकर हाईकोर्ट ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए यह राहत इलाज कराने के लिए दी थी। राजस्थान हाईकोर्ट में सजा स्थगन पर भी हुई सुनवाई
जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को आसाराम की ओर से दायर सजा स्थगन/जमानत से जुड़ी अर्जी पर भी सुनवाई हुई। यह सुनवाई पहले से चल रही उम्रकैद की सजा को रोके रखने और अंतरिम राहत बढ़ाने से जुड़ी याचिका पर थी। फिलहाल इस पर कोई आदेश नहीं आया है। ………………… मामले से संबंधित ये खबरें भी पढ़िए… 13 साल में पहली बार समर्थकों से मिल सकेगा आसाराम:रेप केस में राजस्थान-गुजरात हाईकोर्ट से मिली जमानत; 6 महीने जेल से बाहर रहेगा रेप का दोषी आसाराम 6 महीने जेल से बाहर रहेगा:राजस्थान हाईकोर्ट से पहली बार जमानत; 30 अगस्त को ही जेल में किया था सरेंडर


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