पटना के बापू सभागार में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय का 9वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस मौके पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा केवल रोजगार का मार्ग नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता विकसित करती है। राज्यपाल ने विशेष रूप से छात्राओं की बढ़ती भागीदारी और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष कुल 63 गोल्ड मेडल प्रदान किए गए, जिनमें से 47 मेडल छात्राओं ने हासिल किए हैं। यह आंकड़ा शिक्षा में महिला सशक्तिकरण की मजबूत तस्वीर प्रस्तुत करता है। 47 छात्राओं और 16 छात्र गोल्ड मेडल से सम्मानित विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, कुल 47 छात्राओं और 16 छात्रों को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो. शरद कुमार यादव ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार मानद उपाधि (Honorary Degree) प्रदान की गई है। बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत और इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज पीयूष अग्रवाल को यह सम्मान दिया गया। कुलपति ने बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय के विभिन्न संस्थानों से कुल 29,955 विद्यार्थी सफल हुए। इनमें से 2,076 विद्यार्थियों ने समारोह में हिस्सा लिया, जिनमें 1,154 छात्राएं और 922 छात्र शामिल थे। यह आंकड़ा उच्च शिक्षा में लड़कियों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। 29,955 विद्यार्थी विभिन्न संस्थानों से सफल हुए कुलपति ने बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय के 29,955 विद्यार्थी विभिन्न संस्थानों से सफल हुए, जिनमें से 2,076 विद्यार्थियों ने समारोह में हिस्सा लिया, जिसमें 1,154 छात्राएं और 922 छात्र शामिल थे। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि उच्च शिक्षा में लड़कियों की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने AICTE से मान्यता प्राप्त की है तथा कई राष्ट्रीय संस्थानों के साथ MOU भी किए गए हैं, जिससे अकादमिक और शोध गतिविधियों को और मजबूती मिलेगी।शोध और नवाचार पर फोकसकुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान–सृजन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है और आने वाले वर्षों में इसे एक राष्ट्रीय शोध केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है। समारोह में स्नातक, स्नातकोत्तर और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। मेडल्स का चयन परीक्षा परिणाम, नवाचार, अनुसंधान उपलब्धियों और समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन के आधार पर किया गया।दीक्षांत समारोह ने न सिर्फ विद्यार्थियों की उपलब्धियों का सम्मान किया, बल्कि विश्वविद्यालय की बढ़ती अकादमिक प्रतिष्ठा को भी नए मुकाम पर पहुंचा दिया।
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