फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में पढ़ रहे कम से कम 50 एमबीबीएस छात्रों के अभिभावकों ने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली और लगभग 900 छात्रों के भविष्य को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच संकाय और प्रशासन से आश्वासन लेने के लिए आज संस्थान के मुख्य द्वार पर इकट्ठा होने का फैसला किया है। यह बैठक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा इस सप्ताह के शुरू में विश्वविद्यालय के अध्यक्ष को हिरासत में लिए जाने के बाद शुरू की गई है।
इसे भी पढ़ें: Delhi Blast की जाँच से बड़ा खुलासा, आतंकियों ने आटा चक्की को बना डाला था बम बनाने की मशीन, बना रहे थे खतरनाक पाउडर!
चंडीगढ़ के एक एमबीबीएस छात्र के पिता, एडवोकेट खुशपाल सिंह ने बताया कि अभिभावक व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए संपर्क में हैं, जानकारी साझा कर रहे हैं और सुबह 11 बजे परिसर में सामूहिक दौरे की योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावक बेहद चिंतित हैं क्योंकि प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट संदेश नहीं आ रहा है। कई संकाय सदस्य कथित तौर पर जा रहे हैं, और छात्रों को समझ नहीं आ रहा है कि उन्हें कौन पढ़ाएगा या आगे क्या होगा। उन्होंने आगे कहा कि वे विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिलकर यह समझने की उम्मीद कर रहे हैं कि शिक्षा और अस्पतालों में नियुक्तियों को स्थिर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
कई अभिभावकों ने कहा कि उनकी मुख्य चिंता यह है कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विश्वविद्यालय की मान्यता की समीक्षा कर सकता है या उसे रद्द कर सकता है, जिससे छात्रों, खासकर अपने अंतिम वर्षों में पढ़ने वाले छात्रों, को स्पष्ट शैक्षणिक मार्ग से वंचित होना पड़ सकता है। दिल्ली के एक अभिभावक ने कहा कि अगर एनएमसी कोई कार्रवाई करता है, तो हमारे बच्चे कहाँ जाएँगे? कुछ तो अपने चौथे वर्ष में हैं। उनका भविष्य अधर में नहीं छोड़ा जा सकता।
अभिभावकों ने ज़ोर देकर कहा कि यह सभा आगे की राह पर स्पष्टता लाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि छात्र प्रशासनिक अनिश्चितता, संकाय तक पहुँचने में कठिनाई, और आगामी परीक्षाओं व क्लिनिकल रोटेशन को लेकर असमंजस की शिकायत कर रहे हैं। आगरा की एक माँ ने कहा, “हम बस यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि आगे क्या होगा। बच्चे डरे हुए हैं। हमें जवाब चाहिए ताकि हम उनका मार्गदर्शन कर सकें।”
इसे भी पढ़ें: मास्टरमाइंड आतंकी देश में रच रहे Chemical Attack की साजिश, गुजरात ATS का बड़ा खुलासा
परिवारों ने इस बात पर भी निराशा व्यक्त की कि न तो सरकारी एजेंसियों और न ही प्रमुख हितधारकों ने अभी तक छात्रों की शैक्षणिक चिंताओं का समाधान किया है। सिंह ने कहा, “मीडिया कवरेज जाँच पर केंद्रित है, लेकिन कोई भी छात्रों के बारे में बात नहीं कर रहा है। उनका भविष्य दांव पर है।”
https://ift.tt/nloSeP3
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply