अरुणाचल प्रदेश पर चीनी विदेश मंत्रालय की टिप्पणी पर भारत सरकार ने कड़ा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट और अखंड अंग है। चीनी पक्ष चाहे कितनी ही दफा इस सच्चाई से इनकार करे, लेकिन सच बदल नहीं सकता। चीन ने कहा था कि जंगनान उसका क्षेत्र है। भारत की ओर से अवैध तौर पर बनाए गए तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को उसने स्वीकार नहीं किया। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश को चीन जंगनान कहकर बुलाता है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर फिर अपना पुराना राग दोहराया है। चीन ने कहा कि उसने कभी अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। अरुणाचल की निवासी और भारतीय नागरिक पेमा वांगजोम थोंगडोक को जबरन 15 घंटे रोकने को लेकर लगे आरोपों से भी पल्ला झाड़ा है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने माओ निंग ने कहा कि ‘जंगनान‘ चीन का क्षेत्र है। बता दें कि चीन भारत के अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश को जंगनान कहता है।
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पासपोर्ट पर कमेंट, मजाक भी बनाया
अरुणाचल की रहने वालीं पेमा ने शंघाई एयरपोर्ट पर 18 घंटे तक रोके जाने के आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि उनके पासपोर्ट को लेकर अधिकारियों ने विवादित टिप्पणी भी की थी। उनका मजाक भी बनाया गया था। उन्होंने जब इसके पीछे का कारण पूछा तो उन्हें चीनी पासपोर्ट बनवाने की सलाह दी गई और कहा गया कि अरुणाचल भारत का हिस्सा नहीं है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने पेइचिंग और दिल्ली, दोनों जगह चीनी सरकार के सामने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। सरकार ने कहा था कि बिना किसी भी विवाद के अरुणाचल भारतीय क्षेत्र है। ऐसे में वहां रहने वाले पासपोर्ट के साथ यात्रा करने के लिए पूरी तरह से अधिकृत हैं। भारत ने ये भी कहा कि ऐसी कार्रवाई संबंधों के सामान्य होने की प्रक्रिया को बाधा पहुंचाती है।
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चीन ने उन आरोपों को खारिज कर दिया है कि शंघाई हवाई अड्डे पर एक ट्रांजिट स्टॉप के दौरान अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय महिला के साथ छेड़छाड़ की गई। चीनी विदेश मंत्रालय ने ज़ोर देकर कहा कि आव्रजन जाँच चीनी कानूनों और नियमों के अनुसार सख्ती से की गई। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने उस क्षेत्र पर चीन के दावे को दोहराया जिसे भारत अरुणाचल प्रदेश कहता है। ज़ांगनान चीन का क्षेत्र है। चीनी पक्ष ने भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित ‘अरुणाचल प्रदेश’ को कभी मान्यता नहीं दी है।
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