अररिया के इटहरा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 17 नवंबर को उस समय हंगामा हो गया था, जब कुछ छात्राओं ने प्रधानाध्यापक शम्सुलहोदा मासूम पर गंभीर आरोप लगाए थे। छात्राओं का दावा था कि प्रधानाध्यापक उन्हें चॉकलेट, बिस्किट, दही-चूड़ा, पेन-कॉपी जैसी चीजें देकर जींस-टॉप पहनकर आने और ‘बैड टच’ करते थे। आरोप सामने आते ही गुस्साए ग्रामीण और अभिभावक स्कूल पहुंचे और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर आरएस थाना पुलिस मौके पर पहुंची और प्रधानाध्यापक को हिरासत में लेकर थाने ले जाने लगी। हालांकि, उग्र भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में ही उन पर लात-घूंसे बरसाए। मारपीट इतनी बढ़ गई थी कि पुलिस को भी स्थिति संभालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। आखिरकार, पुलिस किसी तरह प्रधानाध्यापक को बचाकर थाने लाने में सफल रही। पिता ने आरोपों को किया खारिज हालांकि, 18 नवंबर को इस मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ आया। जिस छात्रा के बयान के आधार पर यह पूरा विवाद शुरू हुआ था, उसके पिता थाने पहुंचे और एक लिखित आवेदन देकर सभी आरोपों को खारिज कर दिया। पिता ने बताया कि जब उनकी बेटी चॉकलेट लेकर घर आई, तो उन्होंने उससे पूछताछ की। बच्ची ने पहले बताया कि प्रधानाध्यापक सर ने यह दिया है। यह सुनकर वे कुछ लोगों के साथ स्कूल में जांच-पड़ताल के लिए गए। इसी दौरान मोहल्ले और आसपास के लोग इकट्ठा हो गए और बात बढ़ गई। बाद में घर लौटकर जब पिता ने अपनी बेटी से गहराई से पूछा, तो बच्ची ने स्पष्ट किया कि कक्षा में अच्छे नंबर लाने पर सर ने उसे इनाम के तौर पर चॉकलेट दी थी। उसने यह भी बताया कि कोई गलत बात नहीं हुई थी। पुलिस ने हेडमास्टर को छोड़ा पिता ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मुझे हेड सर से कोई शिकायत नहीं है। मेरी बच्ची के साथ कोई गलत हरकत नहीं हुई। जो अफवाह फैलाई गई, वह गलत है।” उन्होंने प्रधानाध्यापक के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने की बात भी कही। इसके बाद पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए प्रधानाध्यापक को छोड़ दिया।
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