अम्बेडकरनगर में विद्युत विभाग ‘नेफ्ट ओवर हाउसहोल्ड’ योजना के तहत छूटे हुए मजरों में विद्युतीकरण का कार्य शुरू करेगा। इस योजना का उद्देश्य उन क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाना है जहां अभी तक आपूर्ति नहीं हुई है, या जहां बांस-बल्ली के सहारे अस्थायी व्यवस्था चल रही है। इसके लिए सर्वे का काम शुरू हो गया है। योजना के तहत, जिन मजरों में अभी भी बांस-बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति हो रही है, वहां अब खंभे लगाकर केबल के माध्यम से सुरक्षित और स्थायी बिजली पहुंचाई जाएगी। यह कदम विद्युत आपूर्ति को अधिक विश्वसनीय बनाएगा। विद्युत विभाग के अवर अभियंता ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों से संपर्क कर विद्युतीकरण से वंचित घरों और मजरों को चिन्हित करेंगे। इसकी रिपोर्ट अधीक्षण अभियंता को सौंपी जाएगी, जिसके बाद लखनऊ निदेशालय की टीम सत्यापन प्रक्रिया शुरू करेगी। जिले के अकबरपुर, जलालपुर, टांडा और आलापुर के चारों सबडिवीजन में कुल 41 विद्युत उपकेंद्र हैं, जिनसे करीब 4 लाख 30 हजार उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति की जाती है। इसके बावजूद, अभी भी कई मजरे बिजली से वंचित हैं। वंचित गांवों में 11 हजार वोल्टेज और एलटी लाइनें बिछाई जाएंगी, साथ ही नए ट्रांसफार्मर भी लगाए जाएंगे। इस परियोजना के पूरा होने पर जिले के शत-प्रतिशत मजरे और घर बिजली से जुड़ जाएंगे। यह कार्य तीन चरणों में पूरा होगा। पहले चरण में खंभे लगाए जाएंगे, दूसरे में केबल बिछाई जाएगी और तीसरे चरण में बिजली आपूर्ति एवं कनेक्शन दिए जाएंगे। कार्य पूरा होने के बाद कोई भी गांव या मजरा बिजली से वंचित नहीं रहेगा। अधीक्षण अभियंता अनुभव कुमार ने बताया कि विद्युतीकरण से वंचित घरों और मजरों में बांस-बल्ली के सहारे चल रही बिजली व्यवस्था को खंभे और तार लगाकर सुगम व सुरक्षित किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि अवर अभियंताओं से रिपोर्ट मांगी गई है और जनवरी से कार्य शुरू हो जाएगा।
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