सिटी रिपोर्टर| जहानाबाद जिले में फर्जी तरीके से बहाल शिक्षकों के विरुद्ध एक बार फिर शिक्षा विभाग के तेवर तल्ख हुए हैं। दरअसल जिले के विभिन्न प्रखंडों में फर्जी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे 10 शिक्षकों पर आठ साल पहले ही एफआईआर दर्ज कर उनसे वेतन मद में ली गई राशि की वसूली के लिए आदेश दिया गया था। यह भी गौरतलब हो कि निगरानी अन्वेषण ब्यूरों ने शिक्षक नियोजन से जुड़े संबंधित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच की थी, जिसमें कई दौर की जांच के बाद कुल 126 शिक्षकों के सर्टिफिकेट संदिग्ध मिलने पर 48 मुकदमें दर्ज कराए हैं। लेकिन अब तक ऐसे शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। संबंधित ऐसे शिक्षकों पर नीलाम पत्र वाद दायर करने का आदेश भी जारी किया गया था। लेकिन पहले के आदेशों पर संबंधित नियोजन इकाईयां अब तक की गई कार्रवाई के बारे में कुछ नहीं बताया है। सूत्रों की माने तो ऐसे सभी अवैध नियुक्तियों से संबंधित नियोजन इकाईयां जानबूझकर ऐसे मामलों में चुप हो जाती है ताकि फर्जी शिक्षकों को बचाया जा सके। ऐसे में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने विभाग के वरीय अधिकारियों के आदेश पर सदर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी सह सददस्य सचिव प्रखंड नियोजन इकाई को पत्र लिखकर संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए लिखा है। पत्र में उल्लेख किया गया है कि विभाग ने 2018 में ही संबंधित शिक्षकों का नियोजन रद्द करते हुए उनसे वसूली के लिए भी लिखा गया था। डीईओ ने पत्र में कहा है कि इतनी लंबी अवधि बीत जाने के बावजूद संबंधित शिक्षकों पर कार्रवाई के संबंध में कोई प्रतिवेदन नहीं दिया गया है। उल्लेखनीय यह भी है कि निगरानी ने जिले 48 मामलों में 126 शिक्षकों के सर्टिफिकेट को फर्जी मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। डीईओ के ताजा पत्र में जिस प्रसंग का उल्लेख किया गया है, उसमें सदर प्रखंड के विभिन्न स्कूलों में कार्यरत दस शिक्षकों का जिक्र किया गया है उनमें गायत्री कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय शहबाजपुर, जहानाबाद, रामविनोद शर्मा, मध्य विद्यालय कल्या जहानाबाद, मनोज कुमार, मध्य विद्यालय जहानाबाद, सविता कुमारी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाजारटाली, जहानाबाद, संतोष कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बाजार टाली, जहानाबाद, मिथिलेश चौधरी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोनवां, जहानाबाद, साधना कुमारी, मध्य विद्यालय ईस्माईलपुर, जहानाबाद, वीणा कुमारी सिंह मध्य विद्यालय ईस्माईलपुर, जहानाबाद, सुनिल कुमार, मध्य विद्यालय ईस्माईलपुर, जहानाबाद, संतोष कुमार, मध्य विद्यालय कालुपुर, जहानाबाद का नाम शामिल है। दरअसल यह तो एक मामला है। लगभग सभी प्रखंडों में फर्जी सर्टिफिकेट पर शिक्षक बने लोग इसलिए बेफिक्री में जी रहे हैं कि संबंधित नियोजन इकाईयों में उनकी सेटिंग बड़ी तगड़ी है। वैसे भी प्रखंड में प्रमुख नियोजन इकाई के अध्यक्ष होते हैं तो पंचायतों में मुखिया। जाहिर है कि गैर सरकारी लोगों से कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठना विचारणीय प्रश्न है
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