मद्य निषेध के लिए प्रचार रथ रवाना
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में शराबबंदी की सफलता का पूरा श्रेय महिलाओं काे है। उनकी मांग पर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सामाजिक हित और बेहतर भविष्य के लिए शराबबंदी कानून को लागू करने का फैसला लिया था। इस संबंध में जन-जागरुकता बढ़ाने के लिए विभाग हर वर्ष 26 नवंबर को नशा मुक्ति दिवस मनाता है। वे बुधवार को अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि पहले इस विभाग से राज्य को लगभग 6-7 हजार करोड़ रुपए सालाना राजस्व मिलता था। शराबबंदी पर शुरू में कई सवाल उठे। लेकिन नेक इरादों के कारण सभी कठिनाइयों से निजात मिल गई। नशा ऐसी गंभीर समस्या है, जो व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करती है। इससे परिवार, समाज और देश को व्यापक हानि पहुंचती है। इससे पहले मंत्री बिजेंद्र यादव और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से मद्य निषेध प्रचार रथ और प्रचार बसों को रवाना किया। साथ ही सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत जीविका दीदियों को 50 करोड़ 63 लाख रुपए का चेक दिया गया। अब तक इस योजना से 2 लाख 1 हजार 218 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं। इस मौके पर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी. राजेंद्र, मद्य निषेध के एडीजी अमित जैन, एससी-एसटी कल्याण विभाग के सचिव दिवेश सेहरा, जीविका के सीईओ हिमांशु शर्मा, विभागीय सचिव अजय यादव, आयुक्त उत्पाद अंशुल अग्रवाल समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। शराबबंदी के बाद आर्थिक स्थिति में हुआ सुधार
मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि अप्रैल 2016 से बिहार में शराबबंदी लागू है। सड़कों पर पर्व-त्योहारों और शादियों में पहले जैसा शराब का माहौल नहीं दिखता। लोगों के स्वास्थ्य, सामाजिक व्यवस्था और आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आया है। विभागीय सचिव अजय यादव ने कहा कि आधुनिक तकनीक के जरिए कानून का सख्ती से पालन किया जा रहा है। देश में 47 प्रतिशत आबादी 25 वर्ष से कम आयु की है। जबकि, बिहार में यह आंकड़ा 57 प्रतिशत है। नशामुक्त बिहार युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा देने के साथ महिलाओं को सुरक्षा और सम्मान दे रहा है। इस दौरान मद्य निषेध इकाई, पुलिस अधीक्षकों, निरीक्षकों और मोटर बोट प्रभारियों को प्रशस्ति पत्र, मेडल और पुरस्कार दिया गया। मद्य निषेध विभाग व जीविका की संयुक्त लघु फिल्म दिखाई गई। किलकारी बाल गृह के बच्चों ने नशा मुक्ति पर गीत प्रस्तुत किया। पटना आर्ट कॉलेज के स्टूडेंट्स की शराब से दूर रहने का संदेश देने वाली चित्रकला-मूर्तिकला की प्रदर्शनी लगाई गई।
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