अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस पर बिहार में दिव्यांगजनों के सम्मान में कई कार्यक्रम हुए। दिव्यांगजनों को सम्मानित किया गया और कई बड़े वादे भी किए गए। लेकिन पटना में दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए बनाया गया फुट ओवरब्रिज आज शो पीस बनकर रह गया है। पटना के अटल पथ पर लगभग साढ़े 10 करोड़ रुपए की लगता से 3 फुट ओवर ब्रिज बनाया गया था। ये बिहार का पहला लिफ्ट लगा फुटओवर ब्रिज है, जिसकी स्थिति बदहाल है। दिव्यांगों को अगर अटल पथ पार करना होता है तो उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उद्घाटन के बाद से आज तक नहीं चला लिफ्ट अटल पथ पर रफ़्तार के साथ फर्राटे भरती गाड़ियों के बीच से रोड पार करना बेहद खतरनाक है। फुट ओवरब्रिज पर आम आदमी के पार करने के लिए सीढ़ियां बनाई गई है। दिव्यांगों और बुजुर्गों को समस्या ना हो, इसके लिए लिफ्ट लगाया गया है। ताकि दिव्यांग और बुजुर्ग लिफ्ट के जरिए ऊपर पहुंचकर अटल पथ पार कर सके। लोगों का कहना है कि उद्घाटन के बाद से आज तक लिफ्ट एक दिन भी नहीं चली। अटल पथ पर फूट ओवर ब्रिज का उद्घाटन 20 सितंबर 2021 को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने किया था। सबसे पहले महेश नगर स्थित फिट ब्रिज का निर्माण किया गया था। उसके बाद तीन फुट ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया। भव्य उद्घाटन के लिफ्ट शुरू किया गया, लेकिन उसके बाद आज तक लिफ्ट बंद पड़ा। सड़क पार करने को दिव्यांग बुजुर्ग दे रहे ऑटो का किराया फूट ओवर ब्रिज पर लिफ्ट नहीं चलने के कारण दिव्यांग और बुजुर्ग सीढ़ी चढ़कर सड़क पार नहीं कर पा रहे। महेश नगर के रहने वाले राम नंदन दास ने कहा, दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए बड़ी बातें कही जाती है, लेकिन इसे चालू करने की सुध किसी को नहीं। दिव्यांग बोले- जरूरी सामान के लिए मांगनी पड़ती है मदद दिव्यांग दिवस के मौके पर सम्मान के दौरान दिव्यांग आदित्य कुमार ने बताया, ‘अटल पथ में हम सड़क पार नहीं कर सकते। तेज रफ्तार से आती गाड़ियों से कई बार हादसे हो चुके हैं। लिफ्ट खराब रहने के कारण सड़क के दूसरी तरफ पार करना मुश्किल है। कोई काम पड़े या जरूरत का समान काम होता है तो किसी दूसरे से गुहार लगानी पड़ती है। तब सड़क पार कर पाते हैं।’ अब तक सरकार को नहीं मिला लिफ्ट चालक 2021 में फूट ओवरब्रिज का उद्घाटन किया गया था। इसके बाद से सड़क पार करने के लिए दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए बनी लिफ्ट शुरू नहीं हो पाई है। इसके पीछे हैरान करने वाले कारण सामने आए हैं। जानकारी के मुताबिक, लिफ्ट खराब होने के बाद इसे ठीक तक नहीं कराया गया। लिफ्ट चलाने की जिम्मेदारी नगर निगम को मिली थी, लेकिन उन्होंने लिफ्ट ठीक कराकर देने की बात कही थी। बाद में बिहार राज्य पथ विकास निगम की तरफ से इसे संचालन का प्लान आया, लेकिन आज तक इसका संचालन शुरू नहीं हो पाया है। स्थिति यह है कि बिहार का पहला लिफ्ट लगा फूट ओवर ब्रिज सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है।
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