भास्कर न्यूज| दरभंगा एक प्रसूता की दर्दनाक मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा की एक बड़ी लापरवाही उसकी जांच रिपोर्ट से उजागर हुई है। बहेड़ी प्रखंड मुख्यालय में मिथिला इमरजेंसी क्लिनिक का संचालन बिना रजिस्ट्रेशन के हो रहा था। सीएचसी बहेड़ी ने इस संबंध में बहेड़ी थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है, जिसमें क्लिनिक के संचालक घनश्याम पोद्दार एवं प्रिस्क्रिप्शन में वर्णित डॉ एन चौधरी व डॉ अनिल कुमार पर एफआईआर दर्ज करवाई है। मालूम हो कि 5 जुलाई 2025 को समस्तीपुर के सुनील कुमार राम की पत्नी का सीजेरियन ऑपरेशन इस क्लिनिक में हुआ था। परिजनों ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद महिला की तबीयत लगातार बिगड़ती रही। करीब एक महीने तक इलाज के बाद समस्तीपुर के एक निजी क्लिनिक में उसकी मौत हो गई थी। परिजन की शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने एक टीम ने एक दिसंबर को इस क्लिनिक की जांच कर अस्पताल को सील कर दिया था। जांच टीम का नेतृत्व एडीएम राकेश कुमार ने किया था। इसमें सिविल सर्जन डॉ. अरुण कुमार , डॉ रविंद्र नाथ रवि, शिक्षा पदाधिकारी मनोरंजन कुमार ने किया। मौके पर सीओ धनश्री बाला और थानाध्यक्ष सूरज कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे। टीम ने क्लिनिक के कागजी दस्तावेज, ऑपरेशन थिएटर, दवा भंडारण कक्ष और स्टाफ की योग्यता से जुड़े अभिलेखों की गहन जांच की। अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच में कई अनियमितताएं और गंभीर कमियां सामने आई हैं। जांच में क्लीनिक में कोई भी डॉक्टर, स्टाफ उपस्थित नहीं थे।मृतका के पति राम ने आरोप लगाया था कि उनकी पत्नी का अयोग्य डॉक्टर व गलत ऑपरेशन के कारण मृत्यु हुई थी। उस बीच करीब ढाई लाख रुपए भी कुछ भी ऐंठ लिए गए थे। लाइसेंस और मानक सुविधाओं को लेकर भी कई सवाल उठे हैं, जिसके बाद क्लिनिक को तुरंत सील करने का निर्णय लिया गया।सवाल यह उठता है कि बिना + सूर्या इमरजेंसी हॉस्पिटल को भी सील कर दिया गया था मालूम हो कि इससे पहले बहेड़ी थाना कांड संख्या 191/25 के नामजद आरोपी डॉ अमित कुमार को दरभंगा से गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ फर्जी तरीके से बाजार में सूर्या इमरजेंसी हॉस्पिटल का संचालन किया जा रहा था। सिजेरियन डिलीवरी के दौरान एक जच्चा बच्चा की मौत हो गई थी। जिसके बाद क्लिनिक को सील कर दिया गया था।
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