हिमाचल में लापता आईटीबीपी जवान का शव मिला:गांव में अंतिम संस्कार; परिजन ने की स्मारक बनवाने की मांग
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में तैनात आईटीबीपी जवान रामनरेश यादव का शव ब्यास नदी के किनारे मिल गया। रामनरेश 14 सितंबर को बबेली कैंप से गश्त के दौरान लापता हो गए थे। 38 वर्षीय रामनरेश फिरोजाबाद के ढोलपुरा गांव के रहने वाले थे। वे 2012 में आईटीबीपी में आरक्षी के पद पर भर्ती हुए थे। उनके लापता होने की सूचना 15 सितंबर को परिवार को मिली। इसके बाद परिवार के सात सदस्य हिमाचल पहुंच गए। कुल्लू पुलिस और आईटीबीपी जवानों ने चार दिन तक तलाश की। परिवार वापस लौट रहा था, तभी गुरुवार को शव मिलने की सूचना मिली। आईटीबीपी जवान और परिजन शव को लेकर चंडीगढ़, दिल्ली होते हुए शुक्रवार शाम गांव पहुंचे। शव के पहुंचते ही पूरा गांव अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़ा। थानाध्यक्ष रमित शर्मा, तहसीलदार, लेखपाल समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। बीजेपी पार्षद मुनेंद्र यादव और कांग्रेस जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। गांव से 300 मीटर दूर ढेहरा तालाब के पास साथी जवानों ने अंतिम सलामी दी। परिजन और ग्रामीणों ने रामनरेश को बलिदानी का दर्जा देने और गांव में स्मारक बनवाने की मांग की है। उनके बेटे ने चिता को मुखाग्नि दी। 12 सितंबर को घर से ड्यूटी पर गए थे रामनरेश आइटीबीपी जवान रामनरेश यादव के भाई बृजेश ने बताया कि वह एक सप्ताह की छुट्टी पर घर आए थे। 12 सितंबर को छुट्टी पूरी होने पर ड्यूटी के लिए निकले थे। घर से जाते समय यह बिल्कुल भी एहसास नहीं हो रहा था कि भाई से यह अंतिम मुलाकात होगी। रामनरेश की शादी 2011 में हुई थी। उनके तीन बच्चे 12 वर्षीय पावनी, आठ वर्षीय बेटा शौर्य और छह वर्षीय सूर्यांश हैं। पिता की मृत्यु से तीनों बच्चे गम में डूबे हैं। वहीं पत्नी प्रमिला और मां श्यामा देवी की आंखों से आंसू थम नहीं रहे।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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