हाथरस में दिव्यांगजनों के लिए विशेष शिविर:आर्ट ऑफ लिविंग ने सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण दिया
हाथरस में रावत शिक्षा समिति दिव्यांग निशुल्क आवासीय विद्यालय प्रशिक्षण केंद्र के प्रांगण में एक सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में ‘द आर्ट ऑफ लिविंग’ के ‘इंट्यूशन प्रोसेस फॉर म्यूट एंड डेफ’ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में मूक-बधिर, दृष्टिहीन और मानसिक रूप से दिव्यांगजनों के साथ-साथ विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं और विद्यार्थियों के अभिभावक भी उपस्थित रहे। सूरत, गुजरात से पूनम जी की टीम ने डॉ. शोमित और डॉ. हिमांशु के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को सांकेतिक भाषा के साथ योगासन सिखाए गए। इसमें सांकेतिक भाषा स्पर्श, आंखों पर पट्टी बांधकर रंगों और छपे पोस्टरों पर अंकित पहचान करना भी शामिल था। प्रशिक्षण देने के बाद बच्चों से स्वयं अभ्यास भी करवाया गया। उन्हें मुसीबतों से बचने, अपनी सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करने, अपनी बात समझाने, मदद मांगने और पुलिस को घटना की जानकारी देने के बारे में भी बताया गया। यह रहे मुख्य रूप से मौजूद कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। संस्था के अध्यक्ष डॉ. एम.एल. रावत ने संस्था के बारे में जानकारी दी और सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर पीयूष रावत, राजमाला (जिला अध्यक्ष, दिव्यांग विकास संगठन), दुष्यंत पचौरी, डॉ. अरविंद कुमार, अर्चना शर्मा, अर्चना, हेमा देवी और संध्या कुमारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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