सीएम योगी बोले- जब यूपी विकसित होगा तब देश होगा:गोरखपुर में कहा- हमें विकास की मानसिकता से खुद को जोड़ना होगा

गोरखपुर में सीएम योगी ने कहा- भारत विकसित कब बनेगा, जब यूपी विकसित होगा। यूपी कब विकसित होगा, जब गोरखपुर विकसित होगा। एक-एक गांव, एक-एक कस्बा विकसित होगा। विकास की उस मानसिकता के साथ खुद को जोड़ना होगा। कहा- सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत भाजपा ने पूरे देश मे विकसित भारत की संकल्पना को चर्चा परिचर्चा का विषय बनाया है। यानी आजादी के शताब्दी महोत्सव 2047 में हम कैसा भारत चाहते हैं। वह विकसित भारत होगा, आत्मनिर्भर भारत होगा। स्वार्थी व विभाजनकारी राजनीति से ऊपर उठकर विकास की बात करें। समाज के प्रत्येक तबके के बीच यह चर्चा परिचर्चा का विषय बनाना चाहिए। भेदभाव के व्यवहार के कारण हम गुलाम रहे
योगी रविवार को प्रबुद्ध सम्मेलन में पहुंचे। यह सम्मेलन योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में भाजपा महानगर इकाई की ओर से था। इसमें वह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। योगी ने कहा- भारत की ऋषि परम्परा जो जीव की चार प्रजाति बताता रहा है उसमें स्थावर को भी शामिल करता रहा है। यानी पेड़ पौधे भी जीव हैं। किसी मनुष्य के साथ हम शोषण, भेदभाव का व्यवहार किया, उसका परिणाम सैकड़ों वर्षों की गुलामी रही। हमारा समाज विभाजित रहा और गुलामी की मानसिकता पूरे देश को झेलना पड़ा। गुलामी की मानसिकता अपनी विरासत और अपने वैभव को भूल जाती है। हमलोगों ने मां लिया संस्कृत की जगह इंग्लिश, भारतीय महापुरुषों की जगह विदेशी हीरो, भारत के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों की जगह विदेश का ग्रंथ अच्छा है। यह भाव हर भारतीय के मन मे भर दिया गया। देश पर हमले होते थे तो भारत चुप नहीं रहता था। एकता का अभाव है। स्वदेशी के कारण हम एकजुट हुए और फिर हम आजाद हुए
हमने जवाब दिया लेकिन बंटे हुए थे। महाराज सुहेलदेव ने सालार मसूद को जिंदा पकड़ा तंग और लोहे के कड़ाहे ओर जिंदा जला दिया। उसके बचे सैनिकों से कहा था जाके बता देना कि क्या सजा मिली है। हर कालखण्ड में विरोध किया गया। लेकिन भारत अपनी आजादी के लिए एकजूट होकर प्रदर्शन कर सके इसके लिए स्वदेशी कारण बना। देखते ही देखते कुछ ही वर्षों में भारत स्वतंत्र हो गया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी असमय कश्मीर की स्वतंत्रता के लिए उसे भारत का हिस्सा बनाने के लिए बलिदान देना पड़ा। जो भारत कभी वैभवशाली था। दुनिया मे अग्रणी गिना जाता था। गुलामी के कालखण्ड में भारत की विरासत को खत्म करने का दुष्परिणाम झेला है। इस सबके बावजूद भारत अपनी यात्रा को आगे बढ़ाता रहा। हमने भारत को भारत के हिसाब से आगे बढ़ाने का प्रयास किया ही नहीं। अटल बिहारी जब प्रधानमंत्री बने तो इसकी शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, अंत्योदय सहित कई योजनाएं चलाईं। राजनैतिक अस्थिरता का शिकार हुए। फिर हताशा और निराशा का दौर चला। 2014 में नए भारत का निर्माण शुरू हुआ। तब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने देश की बागडोर सौंपी। 2014 के पहले का भारत, कितना भी प्रयास किया गया, लेकिन 1950 से लेकर 2014 तक भारत देश की 11वीं अर्थव्यवस्था बन पाया था। 2014 के बाद भारत दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। अब इसी वर्ष तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत ने दुनिया में अपनी चमक बिखेरी। भारत पिछले साढ़े पांच वर्ष से देश के 80 प्रतिशत लोगों को मुफ्त अनाज दे रहा है। ऐसा दुनिया में कहीं नहीं हुआ है। गोरखपुर में पहले इंसेफलाइटिस से तड़पते हुए देखा था। जापान ने उसकी वैक्सीन 1905 में बनी थी। भारत में उस वैक्सीन को आने में 100 वर्ष लग गए। भाजपा की सरकार आने के बाद वह वैक्सीन यहां आई और इंसेफलाइटिस जड़ से खत्म हो गया। अब लोग उसकी दहशत में नहीं रहते। लोग त्योहार का इंतजार करते हैं। देश में आजादी के बाद से 2014 तक सिर्फ 71 एयरपोर्ट था। अब पिछले 11 साल में इसकी संख्या बढ़ी है। एम्स की संख्या बढ़ी है। मेट्रो की लाइन बिछ रही है। 50 करोड़ लोग आयुष्मान भारत की सुविधा से पांच लाख की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। 10 करोड़ लोगों को उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर मुफ्त मिला। 11 करोड़ को शौचालय की सुविधा मिली। पैसा था, अर्थव्यवस्था मजबूत थी तो उसका लाभ देश की जनता को मिला। 2014 से लेकर एक लंबी भारत ने लगाई है। अर्थव्यवस्था, इनफ्रास्ट्रक्चर में लंबी छलांग लगाई है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है। दुनिया में सबसे ज्यादा स्मार्ट फोन उपयोग करने वाला देश भारत है। डिजिटल क्रांति से देश की सूरत बदली है। खेलो इंडिया खेलो, फिट इंडिया, रोजगार, स्टार्ट अप के माध्यम से युवाओं को सुविधा दी गई। 2014 के पहले कल्पना नहीं की गई थी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदन योजना, कन्या सुमंगला योजना, नमो ड्रोन दीदी से 3 करोड़ ऐसी ड्रोन दीदियां देश के अलग-अलग गांव में नेतृत्व कर रही हैं। स्वयं सहायता समूह से देश में 10 करोड़ महिलाओं का कल्याण हुआ है।
लोकसभा और विधानसभा में 33 फीसद आरक्षण दिया है। इसके लिए किसी की सीट ली नहीं जाएगी। बल्कि नई सीट बनाई जाएगी। अन्नदाता किसानों को उसके उत्पाद की लागत का डेढ़गुना मिले, इसके लिए कई योजनाएं चल रही हैं। मंडी बेहतर की जा रही हैं। सम्मान निधि दी जा रही है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर