सिद्धार्थनगर में दुर्गा मंदिर तोड़ने पर हंगामा:सांसद जगदंबिका पाल धरने पर बैठे, बोले- मंदिर यहीं बनेगा, DM बोले- विकास भवन की दीवार पर था
सिद्धार्थनगर में नवरात्र में दुर्गा मंदिर तोड़े जाने पर हंगाम हो गया। ये मंदिर विकास भवन की सरकारी बिल्डिंग की दीवार के सहारे बना था। प्रशासनिक अफसरों ने मंगलवार की देर रात उसे ढहा दिया। बुधवार सुबह मंदिर ढहा देख लोग भड़क गए। विकास भवन में हंगामा करने लगे। जानकारी पर सांसद जगदंबिका पाल समर्थकों के साथ दोपहर को मौके पर पहुंचे। अफसरों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन सांसद नहीं माने और दोपहर तीन बजे धरने पर बैठ गए। सांसद ने कहा- जिला प्रशासन ने नवरात्र में प्रतिमाओं को तोड़कर हिंदू जनमानस की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इस दौरान लोगों ने डीएम मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। फिलहाल विकास भवन के पास हजारों की संख्या में लोग सांसद के साथ धरने पर बैठे हैं। ये है पूरा मामला दरअसल, जिला प्रशासन साड़ी तिराहा से विकास भवन तक सड़क किनारे सुंदरी करण कार्य करा रहा है। इसमें पाथ-वे निर्माण और रेलिंग लगाने का काम शामिल है। इसी रास्ते पर करीब दस फीट चौड़ाई में दुर्गा मंदिर आ रहा था। मंगलवार की देर रात जेसीबी लगाकर मंदिर तोड़ दिया गया। इसके बाद वहां स्थापित मूर्तियों को पास के जमुआर नाले में प्रवाहित कर दिया गया। सुबह होते ही मंदिर स्थल पर आक्रोशित श्रद्धालु जुटने लगे। सुबह 8 बजे तक भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। इसकी सूचना मिलते ही एसडीएम सदर कल्याण सिंह मौर्य और एसएचओ सदर दुर्गा प्रसाद मौके पर पहुंचे। पुलिस बल के साथ भीड़ को हटाने का प्रयास किया गया। लोग बोले- हम पहुंचे तो टूटा पड़ा था मंदिर परसा महापात्र निवासी सुधा त्रिपाठी ने कहा- उनके जन्म के समय उनके पिता ने इसी मंदिर में मन्नत मांगी थी। वह बचपन से यहां पूजा-पाठ करती आ रही हैं। भोर में रोज की तरह जब मंदिर की सफाई करने पहुंची तो मंदिर टूटा पड़ा था। वहां कोई मलबा भी नहीं था। तभी आरती देवी समेत अन्य महिलाएं आरती के लिए पहुंचीं और सबने देखा कि मंदिर गायब है। यह मंदिर कम से कम 40 साल से यहां था। श्रद्धालु प्रतिदिन पूजा करने आते थे। आज हमारे विश्वास को तोड़ दिया गया। दोपहर तक जुटी हजारों की भीड़ बुधवार सुबह से ही लोग समूहों में मंदिर स्थल पर पहुंचने लगे। दोपहर होते-होते वहां भारी भीड़ जुट गई। लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। “डीएम मुर्दाबाद” और “धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं” जैसे नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इस बीच सांसद जगदंबिका पाल अपने समर्थकों संग वहीं धरने पर बैठ गए। डीएम डॉ. राजा गणपति आर ने कहा विकास भवन की दीवार पर कुछ लोगों ने दुर्गा जी का चित्र बनाया था। आसपास लोग मल-मूत्र करते थे और पान खाकर थूकते थे, जिससे दुर्गा पेंटिंग का अपमान हो रहा था। श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से ही इसे हटवाया गया है। दुर्गा जी की पेंटिंग को दूसरे स्थान पर स्थापित कराया जाएगा।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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