सहारनपुर में एक गोली लगने से ढेर गया इमरान:पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला, बदमाशों ने 18 और पुलिस ने 5 राउंड की थी फायरिंग

पश्चिमी यूपी के चार जिलों में इमरान का आतंक था। दो बदमाशों ने पुलिस पर 18 राउंड फायरिंग की, जबकि पुलिस ने 5 राउंड फायरिंग की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला है कि बदमाश इमरान के सीने पर पुलिस की एक गोली लगी और उसी से वो ढेर हो गया। उस पर डकैती, लूट, गैंगस्टर एक्ट सहित 16 मुकदमे दर्ज थे। उसके गिरोह में आठ से दस सदस्य शामिल थे। पुलिस अब तक इमरान और उसके साथी महताब को मुठभेड़ में ढेर कर चुकी है। पुलिस के अनुसार, इमरान पर सहारनपुर जिले में सबसे ज्यादा आठ मुकदमे दर्ज थे। 18 सितंबर 2025 को उसने अपने साथियों के साथ सरसावा थाना क्षेत्र के झबीरण गांव में व्यापारी दर्शनलाल गुप्ता के घर डकैती डाली थी। बदमाशों ने दीवार फांदकर घर में घुसते ही परिवार को बंधक बना लिया था। महिलाओं के कुंडल झपट लिए थे और यहां तक कि गद्दे-तकिए भी चाकू से फाड़ डाले थे। इससे पहले 2023 में बड़गांव के नूनाबड़ी गांव में भी इमरान ने अपने साथियों के साथ डकैती डालने की कोशिश की थी, लेकिन ग्रामीणों के जाग जाने पर वह असफल रहा था। तब ग्रामीणों ने एक बदमाश को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, मेरठ में एक, मुजफ्फरनगर में दो, शामली में चार और सहारनपुर में नौ मुकदमे दर्ज हैं। 2023 में इमरान ने ताबड़तोड़ वारदातें कर पुलिस को चुनौती दी थी। देवबंद थाना पुलिस ने उसी समय उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई शुरू की थी। आइए अब आपको विस्तार से इमरान के बारे में बताते हैं दो साल पहले रखा था अपराध की दुनिया में कदम मुठभेड़ में ढेर एक लाख के इनामी बदमाश इमरान ने करीब दो साल पहले ही अपराध की दुनिया में कदम रखा था। 2023 में वह कुख्यात कुर्बान गैंग में शामिल हुआ था। इसके बाद उसने सहारनपुर, शामली, मेरठ और मुजफ्फरनगर में कई डकैतियां डालीं। गैंग में इमरान, महताब, कुर्बान, खलील, मोनी, शोएब, शाहूद उर्फ सोनू, असलम उर्फ कनिया जैसे नाम शामिल हैं। कुर्बान के जेल जाने के बाद इमरान ने गैंग की कमान संभाल ली थी। मुठभेड़ में मारे गए इमरान और महताब दोनों सोंटा रसूलपुर गांव के रहने वाले थे। वारदात के दौरान नहीं रखता था मोबाइल पुलिस जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि इमरान वारदात के दौरान अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखता था ताकि लोकेशन ट्रैक न हो सके। हाल ही में मुठभेड़ में मारे गए महताब के साथ इमरान कई घटनाओं में शामिल रहा था। दोनों पर एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। सत्संग से लौट रहे युवक से लूटी थी बाइक रविवार रात इमरान और उसके साथी ने रंगैल निवासी विकास कुमार से बाइक लूट ली थी। विकास नागल के कोटा से सत्संग कर लौट रहा था। कोलकी फ्लाईओवर के नीचे, देहरादून हाईवे पर बदमाशों ने उसे रोक लिया और पीछे बैठे बदमाश ने पिस्टल दिखाकर बाइक छीन ली। इसके बाद दोनों अंबाला की ओर भाग गए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उनकी तलाश शुरू की थी। वेल्डिंग का काम करता था मुठभेड़ में मारे गए इमरान का शव जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया है। गांव से पहुंचे लोग कुछ बोलने से बचते रहे, हालांकि चर्चाओं में ये बात सामने आई कि इमरान को पुलिस ने हरिद्वार से पकड़ा था। ग्रामीणों ने बताया कि इमरान के चार बच्चे हैं, दो बेटे और दो बेटियां। अपराध की दुनिया में आने से पहले वह वेल्डिंग का काम करता था। कुछ समय उसने हरिद्वार में भी काम किया था। पांच साल पहले मारा गया था गोकश एसएसपी आशीष तिवारी ने बताया कि इमरान से पहले पुलिस ने करीब पांच साल पहले 21 मई 2020 को गोकश विरासत उर्फ मतलूब को मुठभेड़ में मार गिराया था। उस मुठभेड़ में गोकश ने पुलिसकर्मी वतन पंवार को चाकू मारकर घायल किया था। इसके अलावा 17 सितंबर 2018 को 50-50 हजार के इनामी बदमाश ओमपाल और विक्की उर्फ सुमित भी पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे। उन्होंने अपने साथियों के साथ सरसावा के सौराणा गांव से रेत-बजरी के ठेकेदार और ट्रक चालक का अपहरण कर फिरौती मांगी थी। ये मुठभेड़ इब्राहिमपुरा गांव के पास हुई थी। दोनों बदमाश थानाभवन क्षेत्र के लुहारी और जलालाबाद गांव के रहने वाले थे।

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