सहारनपुर की नदियों पर मंडरा रहा खतरा:हिंडन में 55 उद्योगों और 19 नालों से गिर रहा अपशिष्ट, छोटी नदियां हो रही लुप्त

सहारनपुर में नदी संवाद कार्यक्रम के दौरान नदियों की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई गई।मंगलवार शाम जवाहर पार्क स्थित डांस प्वाइंट सभागार में सांस्कृतिक परिधि संस्था और नदी मित्र ईकाई ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया। पूर्व सांस्कृतिक राजनायिक और नदी विशेषज्ञ प्रो. ओम प्रकाश भारती ने उत्तर प्रदेश की नदियों की स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रदेश में गंगा, यमुना, रामगंगा, घाघरा और गोमती जैसी पांच प्रमुख नदियां हैं। साथ ही 150 से अधिक छोटी सहायक नदियां भी हैं। प्रदूषण और अतिक्रमण के कारण इन नदियों का उपयोग मुश्किल हो गया है। सहारनपुर की जीवनरेखा मानी जाने वाली हिंडन नदी की स्थिति चिंताजनक है। इसमें 55 से अधिक उद्योग और 19 नाले अपना अपशिष्ट बहा रहे हैं। इससे नदी का जल विषैला हो गया है। प्रो. भारती ने बताया कि नदियों के किनारे बसे समुदायों का अध्ययन किया जा रहा है। तीर्थस्थलों और सांस्कृतिक स्थलों की जानकारी जुटाई जा रही है। भौगोलिक सूचना प्रणाली से नदियों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। कार्यक्रम में दीपक कुमार, केके गर्ग, आकाश धीमन समेत कई विशेषज्ञ मौजूद थे। सभी ने नदियों के संरक्षण और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। विशेषज्ञों ने छोटी नदियों के लिए नीति बनाने की मांग की। उनका कहना था कि छोटी नदियों की उपेक्षा से बड़ी नदियों का आधार कमजोर हो रहा है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर