संभल में निर्माणाधीन यमतीर्थ का मुख्य द्वार गिरा:लोगों ने लगाए घटिया निर्माण के आरोप, बोले- डीएम आते हैं और पब्लिक से बिना बात करें चले जाते हैं

संभल में मुख्यमंत्री वंदन योजना के तहत एक करोड़ 18 लाख रुपये की लागत से निर्माणाधीन यमतीर्थ का मुख्य द्वार शुक्रवार सुबह गिर गया। यह घटना संभल कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला हल्लू सराय में हुई। बताया गया कि मिट्टी डालने के बाद डंपर वापस जाते समय गेट से छू गया, जिसके बाद द्वार भरभरा कर नीचे आ गिरा। यह यमतीर्थ उत्तर प्रदेश के संभल के 68 तीर्थों और 19 कूपों में से एक प्रसिद्ध स्थल है, जिसका लगभग 75 प्रतिशत जीर्णोद्धार कार्य पूरा हो चुका था। डंपर के मामूली स्पर्श से द्वार के गिरने के बाद वहां अफरातफरी मच गई। डंपर चालक भी मलबे में दब गया था, लेकिन वह फ्रंट का शीशा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकल आया। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने निर्माण कार्य में घटिया सामग्री के इस्तेमाल का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि यदि द्वार को मजबूती से तैयार किया गया होता, तो डंपर के हल्के स्पर्श से वह ध्वस्त नहीं होता। इस जीर्णोद्धार का कार्य नगर पालिका परिषद संभल की ओर से कराया जा रहा है।
पालिका प्रशासन ने इस घटना को एक आकस्मिक दुर्घटना बताया है और दावा किया है कि इसमें किसी को कोई चोट नहीं आई है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि गिरे हुए द्वार को तत्काल हटाकर नया द्वार लगाया जाएगा और निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हालांकि, इस हादसे ने करोड़ों रुपये की सरकारी योजना में गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सुरेश चंद्र एवं रामफल आदि लोगों ने बताया कि हमने देखा कि मिट्टी बिछाने और अन्य निर्माण कार्य में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है यहां डीएम आते हैं निरीक्षण पर चले जाते हैं लेकिन निर्माण कार्य पर ध्यान नहीं दिया। हादसा प्रशासन और निर्माण एजेंसियों के लिए चेतावनी है कि केवल दावे और बड़े-बड़े खर्च से काम नहीं चलता, बल्कि ठोस निर्माण-गुणवत्ता पर भी बराबर ध्यान देना जरूरी है। पालिका ईओ डॉ. मणिभूषण तिवारी ने कहा कि घटना की जानकारी मिली थी, अवर अभियंता को मौके पर निरीक्षण के लिए भेजा गया है।रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

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