संभल के संतों ने राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन:छल से धर्मांतरण रोकने की मांग, कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

संभल के संतों ने शनिवार को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन अंतरराष्ट्रीय हरिहर सेना, हिंदू जागृति मंच और सनातन समाज की ओर से बहजोई स्थित डिप्टी कलेक्टर निधि पटेल को दिया गया। ज्ञापन में छल, बल या प्रलोभन से होने वाले धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों ने धर्मांतरण विरोधी कानून बनाए हैं। इन कानूनों का उद्देश्य नागरिकों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करना है, न कि उनकी आस्थाओं के साथ खिलवाड़ करना। भारत की विविधता और धार्मिक स्वतंत्रता उसकी पहचान का आधार है, लेकिन वर्तमान में कुछ समूहों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण को व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सांस्कृतिक पहचान पर आघात माना जा रहा है। संविधान का अनुच्छेद 25 प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने की स्वतंत्रता देता है। हालांकि, इसी अनुच्छेद में यह भी स्पष्ट है कि किसी को दबाव, लालच या धोखे से धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। अपनी धार्मिक आस्थाओं की रक्षा का अधिकार भी प्रत्येक व्यक्ति को है, जिसे सुनिश्चित करना सरकार और न्यायपालिका का दायित्व है। सीएम योगी के नाथ संप्रदाय एवं नैमिषारण्य तीर्थ के महंत बालयोगी दीनानाथ ने इस अवसर पर कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य राष्ट्र विरोधी, भारत विरोधी और सनातन विरोधी तत्वों पर अंकुश लगाना है। उन्होंने संविधान में बने धर्मांतरण विरोधी कानूनों को बनाए रखने की वकालत की। महंत दीनानाथ ने सरकारों और सनातनी बंधुओं से अपील की कि वे ऐसे तत्वों पर ध्यान दें जो डरा-धमकाकर, लालच देकर या किसी षड्यंत्र के तहत धर्मांतरण करा रहे हैं, ताकि राष्ट्र विरोधी तत्व पनप न सकें। उन्होंने ऐसे कार्य करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। ज्ञापन देने वालों में विहिप संगठन मंत्री गौरव, प्रियांशु जैन एडवोकेट, अनंत अग्रवाल एडवोकेट, संतोष गुप्ता, विपिन कुमार, संजय, बॉबी जाटव, रिंकू, वरुण, राजकुमार, नितिन शर्मा, प्रिंस, अतुल, सतीश आदि मौजूद रहें।

Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/i4gjnM6