विश्व का सबसे बड़ा कालीन गिनीज बुक में दर्ज:पाटोदिया कॉन्ट्रैक्ट ने बनाया 12,464 वर्ग मीटर का हैंडटफ्टेड कालीन
पाटोदिया कॉन्ट्रैक्ट ने विश्व का सबसे बड़ा हैंडटफ्टेड कालीन बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराया है। यह विशाल कालीन 12,464.29 वर्ग मीटर का है, जिसे कजाखस्तान की अस्ताना ग्रैंड मस्जिद में स्थायी रूप से बिछाया गया है। जिसकी लागत 13.20 करोड़ रुपए है। 19 सितंबर-2025 को रिकॉर्ड दर्ज हुआ। जिसका प्रमाण पत्र भी मिल गया है। इसका निर्माण कार्य 2021 की गर्मियों में शुरू हुआ था। कोरोना महामारी के बावजूद 1000 से अधिक कुशल कारीगरों ने छह महीने की अवधि में कालीन को तैयार किया। पाटोदिया एक्सपोर्ट के पार्टनर रवि पाटोदिया ने बताया कि यह भदोही और कालीन उद्योग से जुड़े बुनकरों-श्रमिकों के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। भारतीय कालीन उद्योग के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी भारतीय कालीन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। यह असाधारण उपलब्धि ऐसे समय में हासिल हुई जब पूरी दुनिया महामारी से जूझ रही थी। यह परियोजना आशा, साहस और धैर्य का प्रतीक बनी, जहां उत्कृष्ट कला का संगम विशाल पैमाने के साथ हुआ। कालीन के डिज़ाइन की प्रेरणा मस्जिद के बगीचे और जन्नत-उल-फिरदौस के तत्वों से ली गई है। यह मुख्य प्रांगण के केंद्र में एक 8 धुरियों वाले वृत्त से फैला हुआ है। कालीन तैयार होने के बाद, इसे 125 टुकड़ों में कजाखस्तान भेजा गया। अस्ताना ग्रैंड मस्जिद में इसे स्थापित करने के लिए भदोही से 8 और दुबई से 12 कुशल कारीगरों को भेजा गया, जिन्हें बिछाने में 50 दिन लगे। यह दुर्लभ उपलब्धि केवल शिल्प की निपुणता का परिणाम नहीं है, बल्कि उत्कृष्टता और प्रधान विनिर्माण प्रक्रिया का भी प्रमाण है। धागे की कताई से लेकर साइट पर कालीन की स्थापना तक, हर चरण में सटीकता सुनिश्चित की गई। एक छोटी सी संरचनात्मक त्रुटि भी स्थापना के समय समस्या पैदा कर सकती थी। इसलिए, इन-हाउस प्लानिंग और एस्टीमेशन टीम ने हर समय त्वरित सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने मस्जिद की वास्तुकला के हर पहलू, जैसे मुख्य झूमर, कोने, फर्श, दीवारें और स्तंभों को ध्यान में रखा। विकास से लेकर उत्पादन तक का चरण संपर्क और सहयोग की भावना से प्रेरित होकर अत्यंत लचीला रहा।
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