लखनऊ में रामलीला में अंगद बोले:‘‘क्यों नहीं पकड़ता रामचरण, इसमें क्यों लज्जा खाता है’’

लखनऊ के सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रही 33वीं रामलीला में बुधवार को कलाकारों ने विभीषण शरणागति से लेकर कुम्भकरण वध तक के प्रसंग जीवंत किए। मंचन का सबसे मार्मिक क्षण तब आया, जब अंगद ने रावण को ललकारते हुए कहा– ‘‘क्यों नहीं पकड़ता रामचरण, इसमें क्यों लज्जा खाता है…’’। मां दुर्गा की आरती से हुआ मंचन का शुभारंभ रामलीला के पांचवें दिन मां दुर्गा की आरती के साथ मंचन का आरंभ हुआ। कलाकारों ने विभीषण शरणागति, अंगद का लंका प्रस्थान, राजकुमार वध, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति और कुम्भकरण वध जैसे प्रसंग मंचित किए। अंगद-रावण संवाद बना आकर्षण जब रावण का कोई योद्धा अंगद का पैर उठाने में असमर्थ रहा, तो स्वयं रावण आगे आया। इस पर अंगद ने उसे ललकारते हुए कहा– ‘‘हे रावण! मेरा पैर पकड़ क्यों अपनी शान घटाता है, क्यों नहीं पकड़ता रामचरण इसमें क्यों लज्जा खाता है। मैं तुम्हें क्षमा नहीं कर सकता, पर प्रभु से क्षमा दिला सकता हूं।’’ यह संवाद सुनकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे। गुरुवार को होगा राम राज्याभिषेक और समापन समिति के अध्यक्ष सुरेश तिवारी और महामंत्री जितेंद्र मिश्र ने बताया कि गुरुवार को रामलीला के अंतिम दिन रावण वध, श्रीराम राज्याभिषेक और पारितोषिक वितरण के साथ छह दिवसीय आयोजन संपन्न होगा। अब का कार्यक्रम

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