रुदौली की 136साल पुरानी रामलीला में नई तकनीक का प्रयोग:अहिल्या उद्धार और पुष्प वाटिका में राम-सीता मिलन का मंचन, आज होगा सीता स्वयंवर
जिले के रुदौली कस्बे में 136 वर्षों की परंपरा वाली ख्वाजा हाल रामलीला का मंचन चल रहा है। इस वर्ष रामलीला को आधुनिक तकनीक से सजाया गया है। बुधवार की रात रामलीला में अहिल्या उद्धार और जनकपुर में पुष्प वाटिका का मंचन हुआ। रामलीला में विश्वामित्र के साथ राम-लक्ष्मण की यात्रा दिखाई गई। मंच पर राम-लक्ष्मण द्वारा ताड़का राक्षसी का वध और यज्ञ की रक्षा का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। आधुनिक लाइटिंग और ध्वनि प्रभावों से युद्ध दृश्य को जीवंत बनाया गया। अहिल्या उद्धार की कथा में दिखाया गया कि कैसे गौतम ऋषि के श्राप से पत्थर बनी अहिल्या, राम के चरण स्पर्श से पुनः मानव रूप में प्रकट हुईं। जनकपुर पहुंचने पर राजा जनक ने राम-लक्ष्मण और विश्वामित्र का स्वागत किया। प्रोजेक्शन तकनीक से प्राचीन मिथिला नगरी को जीवंत किया गया। पुष्प वाटिका में राम-लक्ष्मण के आगमन पर नगरवासियों की खुशी दिखाई गई। इसी दौरान मां पार्वती की पूजा करती सीता की राम से पहली मुलाकात हुई। नृत्य और संगीत के माध्यम से सीता की भावनाओं को प्रस्तुत किया गया। विश्वामित्र ने राम-लक्ष्मण को रामायण की कथाएं और गंगावतरण की कहानी सुनाई। आयोजकों के अनुसार, राजा जनक के निमंत्रण पर विश्वामित्र राम-लक्ष्मण को सीता स्वयंवर में भाग लेने के लिए जनकपुर लाए हैं। इस ऐतिहासिक रामलीला की विशेषता यह है कि इसमें स्थानीय कलाकारों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का समावेश किया गया है, जो परंपरा को नई पीढ़ी से जोड़ने का माध्यम बन रहा है। रामलीला समिति के अध्यक्ष ने कहा,”136 वर्षों से चली आ रही यह परंपरा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है।आधुनिक तकनीक से हम इसे और आकर्षक बना रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी भी इससे जुड़ सके। आज रामलीला के चौथे दिन सीता स्वयंवर का मंचन होगा, जिसमें भगवान राम द्वारा शिव धनुष तोड़ने की लीला दिखाई जाएगी। दर्शकों में इसकी काफी उत्सुकता है, और आयोजक उम्मीद कर रहे हैं कि बड़ी संख्या में लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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