रियायती दरों पर आवंटित औद्योगिक भूखंडों के दुरुपयोग का खुलासा:सब्सिडी के औद्योगिक भूखंडों पर बनाया मकान, किसी ने किराये पर दिया
औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए रियायती दरों पर आवंटित भूखंडों का दुरुपयोग सामने आया है। कई आवंटियों ने इन भूखंडों पर उद्योग स्थापित करने के बजाय उन्हें किराए पर दे दिया है, जिससे अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन हुआ है। उपायुक्त उद्योग की जांच में ऐसे कई मामले उजागर हुए हैं, जहां न तो कोई औद्योगिक गतिविधि चल रही थी और न ही भुगतान या लीज की शर्तों का पालन किया गया। कुछ स्थानों पर भूखंडों पर अवैध कब्जे भी मिले हैं। उपायुक्त उद्योग हर्ष प्रताप सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान नघेटा इंडस्ट्रियल एस्टेट के सी-3 और एफ-4 भूखंडों पर कोई औद्योगिक गतिविधि नहीं पाई गई। जांच में पता चला कि आवंटी दामोदर इंडस्ट्रीज ने इन भूखंडों को किराए पर दे दिया था। इस उल्लंघन पर विभाग ने नोटिस जारी किया है। इसी प्रकार, बिलग्राम इंडस्ट्रियल एस्टेट के ए-30 भूखंड पर घरेलू सामान भरा मिला और वहां कोई उद्योग संचालित नहीं था। आवंटी मोहम्मद असलम द्वारा किश्तें भी जमा नहीं की जा रही थीं, जिसके बाद भूखंड निरस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया। इसके अतिरिक्त, ए-32 के आवंटी जयपाल, ए-33 के आवंटी ज्ञानेंद्र प्रकाश मिश्रा और नघेटा के ई-11 भूखंड की आवंटी नेहा शुक्ला को भी एग्रीमेंट की शर्तों के उल्लंघन तथा औद्योगिक गतिविधि न करने के आरोप में नोटिस दिए गए हैं। उपायुक्त उद्योग ने स्पष्ट किया कि औद्योगिक भूमि का दुरुपयोग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कड़ा कदम उठाते हुए जांच के दायरे में आये आवंटियों के भूखंड रद्द करने की कार्यवाई शुरू कर दी गई है।
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