रसूलाबाद के खेल मैदान में घास चरती दिखी गाय:ओपन जिम का सामान गायब, काम दिखाकर 4 लाख निकाला, जेई ने चुप्पी साधा
कानपुर देहात के रसूलाबाद विकासखंड के सिठऊपुरवा गांव में एक ओपन जिम सेंटर और खेलकूद मैदान के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यह परियोजना अभी अधूरी है, जबकि लाखों रुपए की धनराशि पहले ही निकाली जा चुकी है। ग्राम प्रधान विजय पाल के अनुसार, इस ओपन जिम सेंटर और खेलकूद मैदान के निर्माण के लिए ₹7.30 लाख की माप पुस्तिका (MB) तैयार की गई थी। इसमें से 4 लाख की धनराशि पहले ही निकाली जा चुकी है। इसके बावजूद, खेल मैदान अधूरा है और जिम के उपकरण भी गायब हैं। यह परियोजना ग्रामीण क्षेत्रों में खेल और फिटनेस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। हालांकि, अधिकारियों और ठेकेदारों की कथित मिलीभगत के कारण यह केंद्र ग्रामीणों को कोई सुविधा नहीं दे पा रहा है। निर्माण कार्य की गुणवत्ता भी बेहद निम्न स्तर की बताई जा रही है। विकासखंड के जूनियर इंजीनियर (जेई) और अन्य संबंधित अधिकारी इन अनियमितताओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। आरोप है कि वे उच्च अधिकारियों को गलत रिपोर्ट भेजकर गुमराह कर रहे हैं, ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र से पूरे मामले की जानकारी करने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। खंड विकास अधिकारी ने बंद कैमरे पर जांच का हवाला दिया ऑन कैमरा बोलने से मना कर दिया। यह रसूलाबाद विकासखंड में भ्रष्टाचार का अकेला मामला नहीं है। अमृत सरोवर तालाब, आरआरसी सेंटर, पंचायत भवन, गौशाला निर्माण और अंबेडकर पार्क जैसी कई अन्य सरकारी परियोजनाओं में भी इसी तरह की अनियमितताएं और सरकारी धन का दुरुपयोग देखा गया है। जेई स्तर के अधिकारी अक्सर कार्यों को ‘पूर्ण’ दिखाकर धन की निकासी करा लेते हैं, जबकि धरातल पर स्थिति दयनीय बनी रहती है। सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को खुलेआम धता बताकर विकासखंड स्तर पर भ्रष्टाचार का ऐसा तंत्र खड़ा हो गया है जो शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को दम तोड़ने पर मजबूर कर रहा है
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