यूपी में बिक रहा नकली आलू:पुराने आलू को केमिकल में डालकर तैयार कर रहे, एक किलो पर 20 रुपए मुनाफा कमा रहे
अगर आप नया आलू खरीद रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। नए आलू के नाम पर धड़ल्ले से जहरीला आलू बिक रहा। बाजारों में ऐसे आलू करीब 50 रुपए किलो के रेट पर मिल रहा है। मतलब 30 रुपए किलो का आलू 20 रुपए मुनाफे पर बेचा जा रहा है। गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने रविवार को आलू मंडी में छापा मारा। टीम ने 2 ट्रक आलू जब्त किए। यह आलू तमिलनाडु के वेल्लौर और यूपी के फर्रुखाबाद से मंगाया गया था। टीम ने ट्रकों पर लदे आलू की जांच की, तो उसमें केमिकल मिला पाया गया। टीम ने दोनों ट्रकों के माल को जब्त कर लिया है। दोनों ट्रकों पर 500 क्विंटल से ज्यादा लाल आलू लदा था। टीम ने वहां से सैंपल लिया है। उसे जांच के लिए लैब भेजा। रिपोर्ट आने तक आलू सीज रहेगा। रिपोर्ट में केमिकल मिलाने की पुष्टि हुई, तो आलू को नष्ट करा दिया जाएगा। मामला महेवा की आलू मंडी का है। टीम को देखकर भागे आलू लदे ट्रक के ड्राइवर खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में मंडी पहुंची। टीम के पहुंचते ही व्यापारियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ट्रकों के ड्राइवर गाड़ी खड़ी कर भाग गए। आलू मंगाने वाले व्यापारी भी वहां से चले गए। जिन व्यापारियों के आलू पकड़े गए हैं, उन्होंने टीम से एक मौका मांगा, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने साफ इनकार कर दिया। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया- कानपुर, उन्नाव, बाराबंकी और कन्नौज के कोल्ड स्टोरेज से गोरखपुर की मंडी में आलू आ रहा है। कोल्ड स्टोरेज से आलू निकालने के बाद उसे केमिकल में रंगा जाता है। उसके बाद अलग-अलग जिलों के बाजार में भेज दिया जाता है। गोरखपुर में बड़ी सब्जी मंडी है। इसलिए यहां बड़ी मात्रा में आलू आ रहा है। ऑनलाइन मंगाने पर भी यही आलू सप्लाई किया जाता है। डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि लोग बाजार में बिकने वाला लाल आलू खाने से बचें। इसमें पेंट में मिलाया जाने वाला केमिकल है। सेहत के लिए यह हानिकारक है। उन्होंने कहा कि हमें सूचना मिली थी कि केमिकल से रंगा हुआ आलू मंगाया गया है। इस सूचना पर मंडी में रविवार को छापा मारा गया। आलू का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है। तब तक आलू सीज रहेगा। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। लोग छिलका हटा हुआ आलू देखकर समझते हैं कि यह नया आलू है। वे महंगे दाम पर इसे खरीद लेते हैं। वास्तव में केमिकल में डालकर पुराने आलू का छिलका हटाया जाता है। फिर इसे नया बताकर बेच दिया जाता है। 2 दिन में ही यह आलू सड़ने लगता है। उसका रंग बदलने लगता है। डॉक्टरों की मानें तो केमिकल युक्त यह आलू शरीर के लिए काफी खतरनाक है। इसे तैयार करने में जिस केमिकल का उपयोग किया जाता है, उससे किडनी और लीवर को नुकसान पहुंच सकता है। 4 तस्वीरों में समझिए कैसे पुराने आलू को नए में बदला जाता है 12 घंटे पानी में रखते हैं पुराना आलू नया आलू तैयार करने के लिए अमोनिया को पानी में घोला जाता है। फिर पुराने आलू को इसमें डालकर 12 घंटे तक रखा जाता है। इससे आलू का छिलका पतला हो जाता है। केमिकल वाले पानी से आलू को निकालने के बाद उस आलू को लाल मिट्टी से रगड़ दिया जाता है। इससे छिलके अलग होकर उसमें मिट्टी चिपक जाती है। छिलका उतरा हुआ देख कर लोग इस धोखे में आ जाते हैं कि यह नया आलू है। रांची के बाजार में इसे रामगढ़ और आसपास के इलाके का बताकर बेचा जा रहा है। लोग भी भ्रम में आकर इसे खरीद रहे हैं। ————————- ये खबर भी पढ़िए… NEET छात्र की मां बोलीं, चुन-चुन कर गोली मारो, जब तक एक भी हत्यारा जिंदा, शांति नहीं मिलेगी ”रामपुर में मेरे बेटे के हत्यारे जुबैर उर्फ कालिया का एनकाउंटर किया गया है। ऐसे ही रहीम समेत सभी हत्यारों को गोली मारी जाए, तब मेरे मन को शांति मिलेगी। मेरे बेटे दीपक की आत्मा को शांत मिलेगी। सीएम योगी ने जो कहा है, वो करके दिखा रहे हैं। लेकिन, जब तक सारे हत्यारे जिंदा हैं, मेरा मन शांत नहीं होगा।” ये बातें NEET छात्र दीपक की मां सीमा गुप्ता ने कहीं। दरअसल, दीपक हत्याकांड में 26 सितंबर की देर रात रामपुर जिले में पुलिस मुठभेड़ में हत्यारा कालिया मारा गया। जब यह बात दीपक की मां को पता चली तो वह अपने बेटे की फोटो को सीने से लगाकर रो पड़ीं। पिता दुर्गेश का भी बुरा हाल है। घटना के 12 दिन बाद भी गांव में सन्नाटा पसरा है। पूरी खबर पढ़ें…
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