यूपी में 5 साल के 30 लाख ई-चालान होंगे माफ:परिवहन आयुक्त बोले- 30 दिन में पूरा होगा काम; जानिए कैसे चेक करेंगे
यूपी परिवहन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य में 2017 से 2021 तक बने 30 लाख से ज्यादा ई-चालान अब कानून के तहत खुद से समाप्त माने जाएंगे। यानी जिन चालानों पर कोर्ट में कार्रवाई लंबित थी या जो समय-सीमा से बाहर हो चुके हैं, वे अब मान्य नहीं रहेंगे। इस कदम से वाहन मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी। इस फैसले के साथ ही फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) जैसी सेवाओं पर लगे अवरोध हट जाएंगे। यानी अब पुराने ई-चालानों की वजह से वाहन मालिकों को इन सेवाओं में अड़चन नहीं होगी। दरअसल, यूपी सरकार ने चालान निरस्त करने का फैसला जून- 2022 में ही ले लिया था। जानकारों का कहना है कि पहले जो निर्णय सरकार ने लिया था, उसमें कोर्ट के आदेश पर ही वेबसाइट से चालान हट पा रहा था। ऐसे में परिवहन आयुक्त ने आदेश जारी कर कहा है कि ऐसे चालान जो 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच के हैं, उन्हें खुद वेबसाइट से डिलीट कर दिया जाएगा। एक महीने में पूरा होगा काम
परिवहन विभाग के मुताबिक, यह पूरी प्रक्रिया 30 दिनों में पूरी कर दी जाएगी। इसके बाद वाहन स्वामी पोर्टल पर अपनी चालान स्थिति देख सकेंगे। कोर्ट में लंबित प्रकरण “Disposed-Abated” और ऑफिस लेवल पर समय-सीमा निकल चुके प्रकरण “Closed-Time-Bar (Non-Tax)” के रूप में दर्ज होंगे। विभाग ने साफ किया है कि यह केवल क्लोजर है। यानी न तो किसी को रिफंड मिलेगा और न ही पुराने चालान दोबारा खोले जाएंगे। खबर में पोल है, आगे बढ़ने से पहले हिस्सा लें 30 लाख से ज्यादा ई-चालान प्रभावित
आंकड़ों के मुताबिक, 2017 से 2021 के बीच 30.52 लाख ई-चालान बने थे। इनमें से 17.59 लाख का निस्तारण पहले ही हो चुका है। अभी 12.93 लाख चालान लंबित थे। इनमें 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस लेवल पर पेंडिंग थे। अब इन सभी का डिजिटल निस्तारण समय-सीमा में पूरा किया जाएगा। फ्रंट-एंड पर सभी अवरोध हटेंगे, जबकि बैक-एंड पर पूरा रिकॉर्ड और ऑडिट ट्रेल सुरक्षित रहेगा। क्यों जरूरी था यह फैसला?
इस फैसले के तहत केवल उन्हीं चालानों को माफ (abated) किया जाएगा, जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे। वहीं, जो चालान कभी कोर्ट नहीं भेजे गए और अब समय-सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें भी प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा। टैक्स से जुड़े चालान, गंभीर अपराध, दुर्घटना या IPC से जुड़े मामले इस राहत से बाहर रहेंगे। यह निर्णय कानून का पालन सुनिश्चित करने, जनता को अनावश्यक चालानों और ब्लॉकों से राहत देने, सेवाओं को समय पर उपलब्ध कराने और पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए लिया गया है। समय-सीमा और निगरानी
30 दिनों के भीतर सभी पेंडिंग चालानों का पोर्टल पर निपटारा दिखेगा। इसके लिए हर हफ्ते एक डैश-बोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट डाली जाएगी। एनआईसी पोर्टल में जरूरी बदलाव कर रहा है। जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित रहे। टैक्स से जुड़ी देनदारियां, पहले से जमा जुर्माना और कोर्ट आदेश यथावत रहेंगे। परिवहन आयुक्त बोले- नागरिकों को सुविधा देना हमारा टार्गेट है
परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि यह निर्णय कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगमता, सुरक्षा और सम्मानजनक सेवा अनुभव मिले। सभी अधिकारी और कर्मचारी तय समय-सीमा में शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें। वाहन मालिकों कर रहे थे परेशानी का सामना
पोर्टल से चालान डिलीट न होने की वजह से वाहन स्वामियों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसमें गाड़ियों के ट्रांसफर में बाधा आ रही थी। हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट हासिल करने में दिक्कत आ रही थी। शासन के आदेश के बाद भी लोगों को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे थे। —————————– यह खबर भी पढ़ें योगी सरकार TET अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी, रिवीजन याचिका दाखिल करेगी योगी सरकार TET की अनिवार्यता के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिवीजन याचिका दाखिल करेगी। सीएम योगी ने बेसिक शिक्षा विभाग को इसका आदेश दिया है। उन्होंने कहा- हमारे टीचर अनुभवी हैं। सरकार उन्हें प्रशिक्षण देती है। उनकी योग्यता को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। यहां पढ़ें पूरी खबर
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Leave a Reply