मेरठ की नौचंदी है नौ देव का मंदिर:रावण की पत्नी मंदोदरी ने की थी स्थापना, सामने है बाले मियां की दरगाह
शहर की पहचान बन चुका नौचंदी मंदिर न सिर्फ आस्था का बड़ा केंद्र है, बल्कि धार्मिक-सांस्कृतिक सौहार्द की भी मिसाल है। मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना रावण की पत्नी मंदोदरी ने की थी। यहां मां चंडी देवी की अष्टधातु प्रतिमा स्थापित है, जिनकी पूजा रामायण काल से की जा रही है। नौचंदी मंदिर में पूजा-अर्चना का इतिहास बेहद पुराना है। मान्यताओं के अनुसार, मंदिर में सच्चे मन से दीप जलाने और मां से प्रार्थना करने पर भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। सामने है बाले मियां की दरगाह मंदिर के ठीक सामने सूफी संत बाले मियां की दरगाह स्थित है। यह दरगाह और मंदिर दोनों मिलकर हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक हैं। नौचंदी मंदिर और बाले मियां की दरगाह आज भी मेरठ में गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश करते हैं। नवरात्रों में लाखों श्रद्धालु मां चंडी देवी के दर्शन करने आते हैं और दरगाह पर चादर चढ़ाकर अपनी मन्नतें पूरी होने की दुआ मांगते हैं।। मंदिर के नाम से जुड़ा नौचंदी मेला भी बेहद प्रसिद्ध है। करीब एक हजार साल पुरानी परंपरा के इस मेले में धार्मिक आस्था के साथ-साथ व्यापार, लोककलाएं और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होती हैं। यह मेला अब मेरठ ही नहीं बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की पहचान बन चुका है। रेखा त्यागी कहती है कि नौचंदी माता का मंदिर बहुत प्राचीन है माता रानी सब की इच्छा पूरी करती है जाे भी माता रानी से कोई भी मनोकामना मांगता है, वही पूरी होती है। मुझे मंदिर आते-आते करीब 25 साल हो गए है। मेरठ जयदेवी नगर की रहने वाली सविता दीक्षित बताती है ये मंदिर बहुत प्राचीन है ये नौचंदी नाम इसलिए पड़ा क्योंकि यहां ये चंडी मंदिर है। मैं यहां कई सालों से आ रही हूं मुझे यहां आने के बाद शांति मिलती है। यहां के पूजारी भी बहुत अच्छे है।
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