भाजपा विधायक का बेटा बोला-सेठजी सारी चर्बी उतर जाएगी:पेट्रोल पंप संचालक पर गाड़ी खाली करवाने के लिए बनाया दबाव, ऑडियो वायरल

आप भी यहीं हो, मैं भी यहीं हूं। साल में 365 दिन होते हैं। एक दिन घूरे का भी फिरता है। जितनी पेट्रोल तुम कम तोल रहे हो न। डीएसओ को बुलवाकर इसकी जांच कराऊंगा। जितनी तुम्हें चर्बी चढ़ रही है न, वह सब उतर जाएगी। ये बिगड़े बोल हैं आगरा फतेहपुर सीकरी विधानसभा के विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी के। उन्होंने एक पेट्रोल पंप संचालक पर गाड़ी खाली करवाने के लिए खूब दबाव बनाया। इस दौरान वैश्य समुदाय के लिए बहुत भद्दे-भद्दे शब्दों का प्रयोग किया। इसका ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें रामेश्वर चौधरी यहां तक कह रहे हैं कि मैं बनिया जाति को अच्छी तरह से जानता हूं। सबसे अधिक डिफॉल्टर बनिया ही होते हैं। अब विस्तार से पढ़ते हैं…
मथुरा रिफाइनरी से डीजल-पेट्रोल लेकर निकले टैंकर की पेट्रोल पंप पर जांच की तो उसमें मात्रा अधिक निकली। पेट्रोल पंप मालिक ने खाली कराने से इनकार कर दिया तो फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्चर चौधरी ने पेट्रोल पंप मालिक पर उसे खाली करने का दबाव बनाया। 24 सितंबर का मामला है संजय प्लेस निवासी अनुराग अग्रवाल का अछनेरा के रायभा में पेट्रोल पंप है। उन्होंने बताया कि 24 सितंबर की रात को उनके पेट्रोल पंप पर पुलराज ट्रेडर्स के माध्यम से एक टैंकर मथुरा रिफाइनरी से डीजल और पेट्रोल लेकर पहुंचा था। रिकॉर्ड के अनुसार, टैंकर में 9 हजार लीटर डीजल और 3 हजार लीटर पेट्रोल था। चेकिंग के दौरान पंप के कर्मचारियों को मात्रा अधिक लगी। उन्होंने इंडियन ऑयल कार्पोरेशन में सूचना दे दी। कॉर्पोरेशन की टीम ने पेट्रोल पंप पर पहुंचकर जांच की तो उसमें डीजल-पेट्रोल की मात्रा अधिक होने की पुष्टि हुई। रामेश्वर चौधरी ने कॉल की
टैंकर पेट्रोल पंप पर आने के दूसरे दिन ही अनुराग अग्रवाल के मोबाइल फोन पर फतेहपुर सीकरी के विधायक चौधरी बाबूलाल के बेटे रामेश्वर चौधरी ने उन्हें कॉल की।
उन्होंने गाड़ी खाली करने को दबाव बनाया लेकिन अनुराग विनम्रता से कहते रहे कि उन्होंने पेट्रोलियम कंपनी को सूचित कर दिया है, वहां से जैसे आदेश होगा, वे वैसा करेंगे। पंप संचालक पर बनाया दबाव
बहुत दबाव बनाने पर जब अनुराग अग्रवाल ने बिना कंपनी के अनुमति के माल उतारने से बिलकुल मना किया तो विधायक के बेटे को गुस्सा आ गया। उन्होंने जातिगत टिप्पणी शुरू कर दीं। इसका ऑडियो अब इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। विधायक के बेटे और पेट्रोल पंप संचालक के बीच बातचीत के कुछ अंश…
विधायक पुत्र: आपके पंप पर बरारी के अतुल पहलवान की गाड़ी आई होगी। हमारा मित्र है, हम जब लोकसभा लड़े थे, तब उसने हमारे साथ बहुत मेहनत की थी। उसकी कोई गाड़ी आपके यहां खलने के लिए आई है। क्या दिक्कत है?
पपंप संचालक: उसमें जो दिक्कत थी…वह हमने कॉर्पोरेशन को बता दी है। हम उनके दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। विधायक पुत्र: उसमें परेशानी क्या है?
पंप संचालक: कोई परेशानी नहीं है। जो भी कुछ था हमने कॉर्पोरेशन को बता दिया। उन्होंने हम से कहा है, हम देखते हैं…समझते हैं। कोई दिक्कत नहीं है।
विधायक पुत्र: गाड़ी खलवाने में आपको कोई आपत्ति है?
पंप संचालक: इसमें कुछ दिक्कत थी, वह हमने कॉरर्पोरेशन को बता दी।
विधायक पुत्र: तो गाड़ी नहीं खलवा रहे।
पंप संचालक: मैं कौन होता हूं, ये तो कॉर्पोरेशन का दिशा-निर्देश है न।
विधायक पुत्र: कॉर्पोरेशन ने गाड़ी खलवाने की मना कर दिया है क्या?
पंप संचालक: नहीं, लेकिन कॉर्पोरेशन का ही अब कोई अग्रिम आदेश आएगा कि हमें क्या करना है। विधायक पुत्र: अनुराग जी, आप गाड़ी खाली नहीं कराएंगे…कोई बात नहीं…खाली नहीं कराओगे तो मत कराओ…लेकिन ये व्यवहारिक नहीं है।
पंप संचालक: भाई साहब आप गलत सोच रहे हैं, ऐसा कुछ नहीं है।
विधायक पुत्र: बनिया बेईमान हो जाता है तो 20 पैसे का हिसाब करता है। बनिया की जात मैं अच्छे से जानता हूं।
पंप संचालक: भाई साहब, इसका मुझसे क्या लेना-देना, मुझे क्यों बता रहे हो।
विधायक पुत्र: सबसे ज्यादा डिफॉल्टर बनिया, मैं बनियाओं में रहता हूं किरावली में, हर साल एक-दो बनिया 6 करोड़, 10 करोड़, 20 करोड़ लेकर भाग जाता है।
पंप संचालक: आप मुझे धमका रहे हैं, प्लीज भाई साहब ऐसा मत करो।
विधायक पुत्र: धमका नहीं रहा हूं…बता रहा हूं…तुम भी उन्हीं लालाओं में से एक हो।
पंप संचालक: बाबूजी मैं तो बहुत छोटा व्यक्ति हूं।
विधायक पुत्र: बिलकुल खाली मत कराओ, कोई बात नहीं। आप भी यहीं हो, मैं भी यहीं हूं। साल में 365 दिन होते हैं। एक दिन घूरे का भी फिरता है। जितनी पेट्रोल तुम कम तोल रहे हो न। डीएसओ को बुलवाकर इसकी जांच कराऊंगा।
जितनी तुम्हें चर्बी चढ़ रही है न, वह सब उतर जाएगी।
पंप संचालक: बाबूजी ऐसी बातें मत करो। विवादों से रहा है नाता
विधायक के बेटे रामेश्वर चौधरी का विवादों से काफी नाता रहा है। पिछले दिनों एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक बस चालक के भिड़ गए थे। पहले उन्होंने किसी बात पर बस चालक को हड़काया, इसके बाद बस चालक से उनकी कहासुनी हो गई। भाजपा में रहते हुए की बगावत
चौधरी बाबूलाल वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले वे राष्ट्रीय लोकदल से विधायक रहे चुके थे। उनके साथ उनके बेटे रामेश्वर चौधरी भी भाजपा में सक्रिय हो गए थे। 2014 में भाजपा के टिकट पर चौधरी बाबूलाल ने चुनाव लड़ा और फतेहपुर सीकरी लोकसभा से सांसद चुने गए। 2019 के चुनाव में भाजपा ने बाबूलाल की टिकट काट दी। उन्होंने 2023 में फतेहपुर सीकरी विधानसभा सीट से टिकट दी और बाबूलाल विधायक बन गए। भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ लड़ा चुनाव
2024 के लोकसभा चुनाव में रामेश्वर चौधरी ने भाजपा से सांसद के टिकट की दावेदारी लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए भाजपा नेताओं के मना करने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी राजकुमार चाहर के खिलाफ चुनाव लड़ा। इसके चलते उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया और उनके पिता विधायक चौधरी बाबूलाल को नोटिस भी जारी किया गया था। सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं रामेश्वर
रामेश्वर सिंह वर्ष 1998 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आगरा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। तब उन्हें 191749 वोट मिले थे। इसके बाद 1999 में उन्होंने मथुरा लोकसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। रामेश्वर चौधरी दोनों ही चुनाव हार गए थे। रामेश्वर चौधरी का ये है कहना
मामला पुराना है। कोई कार्यकर्ता आया था, उसके लिए फोन किया था। जाति विशेष के लिए कोई टिप्पणी नहीं की। बेवजह बात को तूल दिया जा रहा है। मैं शहर में नहीं हूं। पिताजी का छोटा सा ऑपरेशन कराने के लिए एम्स आया हुआ हूं।

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