बीघापुर अस्पताल में पूर्व प्रधान की मौत:परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया, स्वास्थ्य मंत्री ने जांच के आदेश दिए
उन्नाव के बीघापुर स्थित सौ शैय्या संयुक्त जिला अस्पताल में लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। ग्राम बेहटा भवानी के पूर्व प्रधान हरिओम पांडे की उपचार के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। इस घटना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मृतक हरिओम पांडे को मंगलवार रात अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन बीघापुर के सौ शैय्या अस्पताल लाए थे। डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच के बाद उन्हें भर्ती कर लिया था। हालांकि, परिजनों का आरोप है कि समय पर उचित इलाज और आवश्यक दवाएं नहीं दी गईं। परिजनों के अनुसार, हरिओम पांडे की हालत गंभीर होने पर उन्होंने डॉक्टरों से बार-बार उपचार तेज करने की मांग की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। कुछ ही देर बाद पूर्व प्रधान की मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मामले का संज्ञान लिया और तत्काल जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि यदि इलाज में लापरवाही साबित होती है, तो संबंधित अधिकारियों और चिकित्सकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के निर्देश पर गुरुवार रात अपर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डी.पी. गुप्ता अस्पताल पहुंचे और मौके का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल के अधीक्षक और डॉक्टरों से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। साथ ही, मरीजों के रजिस्टर, ड्यूटी चार्ट और दवा वितरण रजिस्टर की भी जांच की। निरीक्षण के दौरान अपर निदेशक ने डॉक्टरों की टीम को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी मरीजों के उपचार में पूरी गंभीरता बरती जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारों को बख्शा नहीं जाएगा। डी.पी. गुप्ता ने तीन सदस्यीय टीम गठित कर घटना की विस्तृत रिपोर्ट 48 घंटे में मांगी है। पूर्व प्रधान की मौत से क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां अक्सर मरीजों की अनदेखी की जाती है। इस घटना के बाद बीघापुर अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं और लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से स्थायी सुधार की मांग की है।
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