बीकेटी दशहरा मेला में कवि सम्मेलन आयोजित:दूर-दराज से आए कवियों ने किया काव्य पाठ
बख्शी का तालाब (बीकेटी) के दशहरा मेला में बुधवार देर शाम एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में दूर-दराज से आए कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया, जिससे श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। हास्य कवियों की प्रस्तुतियों पर श्रोता अपनी हंसी नहीं रोक पाए। बीकेटी के ऐतिहासिक दशहरा मेले का आगाज़ द्वितीय राष्ट्रीय कवि सम्मेलन से हुआ। इसमें गोंडा से नीता सिंह, जौनपुर से कमलेश पांडे ‘कमल’, लखीमपुर से विशेष शर्मा, हरदोई से अमित शुक्ला, प्रतापगढ़ से लवकेश यदुवंशी, तथा लखनऊ से डॉ. सरला शर्मा, हास्य कवि चेतराम अज्ञानी, ऋतुराज सिंह तोमर और संध्या त्रिपाठी ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के समापन पर बीकेटी नगर पंचायत अध्यक्ष गणेश रावत ने सभी का धन्यवाद किया। बीकेटी दशहरा मेले की शुरुआत वर्ष 1972 में हुई थी। यह मेला त्रिपुर चंद्र बख्शी द्वारा बनवाए गए ऐतिहासिक तालाब के पास स्थित बड़ी बाजार में आयोजित किया जाता है। तत्कालीन रूदही गांव के ग्राम प्रधान मैकूलाल यादव और डॉ. मुजफ्फर अली ने इस मेले की शुरुआत की थी, और तब से यह निरंतर आयोजित हो रहा है। अधिवक्ता अशिद अली मेला प्रबंधन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। रामलीला मंचन की पूरी जिम्मेदारी साबिर खान पर है, जो पिछले 40 वर्षों से रामलीला का मंचन कर रहे हैं और अन्य कलाकारों को इसकी बारीकियां सिखाते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस मेले में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं, जो इसकी गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश करता है। इस सद्भाव की देश-विदेश में भी प्रशंसा की जाती है। दशहरा मेले में प्रतिदिन हिंदू और मुस्लिम शौकिया कलाकार मिलकर रामलीला का मंचन करते हैं। रात्रि में विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
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