बांदा में डीएपी खाद की किल्लत:किसान खाली हाथ लौट रहे, बुवाई पर छाया संकट
बांदा जिले में किसान डीएपी खाद की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं। पहले यूरिया खाद की समस्या थी, अब डीएपी की कमी से किसान परेशान हैं। इस संकट के कारण उनकी खरीफ और रबी दोनों फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है। किसानों का आरोप है कि खाद की आपूर्ति कम है, जिसके चलते उन्हें सहकारी समितियों में घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ता है। इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही है। यह स्थिति उनकी मेहनत और समय पर बुवाई के लिए गंभीर चुनौती बन गई है। भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा रबी की प्रमुख फसलें जैसे गेहूं, मसूर, चना, लाही और मटर की बुवाई का सीजन चल रहा है, लेकिन डीएपी की कमी से बुवाई पर संकट गहरा गया है। किसानों का कहना है कि प्रशासन इस समस्या का कोई उचित समाधान नहीं निकाल पा रहा है। कई किसान 30 से 40 किलोमीटर दूर से खाद लेने आते हैं। वे कई दिनों से लगातार चक्कर काट रहे हैं और अपना किराया खर्च कर रहे हैं, लेकिन शाम को उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है। किसानों के अनुसार, उन्हें केवल एक बोरी खाद ही मिल पा रही है, चाहे उनके पास 6 बीघा जमीन हो या 15 बीघा। पर्याप्त खाद न मिलने के कारण वे अपनी फसलों की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/OA5Q2na
Leave a Reply