बरेली हिंसा सरकार की सोची-समझी साजिश:गोरखपुर में बोले आप सांसद संजय सिंह; कहा-मुस्लिमों को किया जा रहा टारगेट
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि बरेली हिंसा सरकार की सोची समझी साजिश है। प्रदेश में मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। जब लद्दाख का मामला उठा, उत्तराखंड में नौजवान आंदोलन करने लगे, जब एसएससी को लेकर आंदोलन हो रहा है तो ध्यान हटाने के लिए बरेली का कांड किया गया। सरकार की मिली-जुली साजिश के तहत बरेली का कांड हुआ है।
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी एक 16 सदस्यीय टीम वहां भेजेगी। 7 अक्टूबर को यह टीम जाएगी। संजय सिंह गोरखपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बरेली जाने वाली टीम में उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी दिलीप पांडेय के नेतृत्व में पश्चिम प्रांत के अध्यक्ष सोमेन ढाका, रुहेलखंड प्रांत के अध्यक्ष हैदर, बौद्ध प्रांत से इमरान लतीफ, ओबीसी प्रकोष्ठ की अध्यक्ष छवि यादव, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष नीलम यादव, यूथ के अध्यक्ष पंकज अवाना, किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक कमांडो, जनक प्रसाद, सुनीता गंगवार, राम सिंह मौर्य, फैसल खान, लाला अंसार, नदीम अशरफ जायसी, कैप्टन सर्वजीत कक्कड़ आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बरेली का पूरा मामला सरकार की गहरी साजिश है। गहन जांच होगी तब पता चलेगा कि उसमें कौन-कौन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पहले आई लव मोहम्मद शुरू हुआ। इसे प्रतियोगिता के तौर पर शुरू किया गया। उसके बाद आई लव महादेव शुरू हो गया। फिर तौकीर रजा ने आह्वान किया कि जुमे की नमाज के दिन बाहर निकलेंगे। लोग बाहर आए और बवाल हो गया। इससे साबित होता है कि एक मामला जो शांत हो गया था, उसे उकसाया गया। उसके बाद मुख्यमंत्री तुरंत हमलावर हो गए। इसका मतलब यह मिला-जुला खेल है। लेकिन इसमें निर्दोष लोग पिस रहे हैं। उनके घरों पर बुलडोजर चलाया जा रहा है।
बुलडोजर चलाने का अधिकार सरकार को नहीं है। यह सुप्रीम कोर्ट का आदेश है। जो अधिकारी सरकार के निर्देश पर उछलकूद कर रहे हैं। कानून के तहत जब जांच होगी तो नौकरी चली जाएगी। यह मुस्लिमों के घर पर जो बुलडोजर चलाकर हिन्दुओं को खुश किया जा रहा है, यह ठीक नहीं है। मैंने कई जिलों में देखा है कि हिन्दू समाज के कई लोगों के घर पर बुलडोजर चलाया गया है। बरेली में सुप्रीम कोर्ट की धज्जियां उड़ाई हैं। कभी मैं भाजपा में जाने का फैसला करूं तो कार्यकर्ता चेहरे पर कालिख पोत दें एक सवाल के जवाब में संजय सिंह ने कहा कि भाजपा वाले जानते हैं मुझे इसलिए कभी मुझसे संपर्क नहीं करेंगे। मैंने अपने कार्यकर्ताओं को बोल रखा है। उनसे अपील की है कि यदि कभी मैंने यह फैसला किया तो वो मेरे चेहरे पर आकर कालिख पोत देना। 31 अक्टूबर से निकालेंगे ‘रोजगार दो, सामाजिक न्याय दो’ पदयात्रा
सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर प्रयागराज से अयोध्या तक पदयात्रा निकालेंगे। 15 नवंबर को यह अयोध्या में संपन्न होगी। 200 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। इसमें रोजगार और सामाजिक न्याय देने का मुद्दा उठाया है। ये दोनों काफी महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। यहां कई भर्तियों के पेपर लीक हो रहे हैं। पेपर लीक एक बड़ा अपराध यहां बन गया है। जिससे नौजवानों का जीवन बर्बाद हो रहा है। जो टीचर हैं, उनपर संकट है। उन्हें टीईटी पास करने को कह दिया गया है। आशा बहू, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पुरानी पेंशन की लड़ाई लड़ने वालों से इस यात्रा में शामिल करने की अपील की है। जीएसटी में बचत नहीं चपत उत्सव मनाना चाहिए संजय सिंह ने कहा कि जीएसटी कम करके जो खुशी मनाई जा रही है, वह सही नहीं है। यहां के सांसद ने कहा है कि 50 प्रतिशत छूट मिल रही है। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि 5 प्रतिशत टैक्स घटा रहे हैं, ये कह रहे हैं कि 50 प्रतिशत घटा रहे हैं। हम लोग 80 प्रतिशत डीजल व पेट्रोल पर टैक्स देते हैं। जब जीएसटी आयी तो उसे दूसरी आजादी बताया गया। बताया गया कि आर्थिक क्रांति देश में आ रही है। 5 प्रतिशत का टैक्स 18 प्रतिशत कर दिया गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि जश्न मनाइए। वन नेशन वन टैक्स हो गया। जबकि यह वन नेशन मल्टी टैक्स था। देशवासियों से 127 लाख करोड़ वसूल किया गया। बिहार में लड़ेगे चुनाव
संजय सिंह ने कहा कि हम बिहार में कुछ सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। कोशिश रहेगी कि कुछ सीटें जीतें। उत्तर प्रदेश में संगठन मजबूत कर रहे हैं। फिलहाल हमारा ध्यान पंचायत चुनावों पर है। कुंज बिहारी के परिजनों से मिलने से रोका गया
गोरखपुर में आप कार्यकर्ता कुंज बिहारी निषाद की हत्या के बाद संजय सिंह के न आने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन ने उनके परिवार पर दबाव बनाया, जिससे उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। हमने पूरे प्रदेश में आंदोलन किया। हम उस परिवार के न्याय की लड़ाई लड़ेंगे।
Curated by DNI Team | Source: https://ift.tt/PibsuYB
Leave a Reply