बरेली में दंगे के बाद पुलिस का बड़ा एक्शन:मौलाना तौकीर का करीबी नदीम शाहजहांपुर से गिरफ्तार, होटल-मैरिज लॉन सील; जांच के बाद बुलडोजर चलेगा
बरेली बवाल के साजिशकर्ताओं पर पुलिस और प्रशासन का एक्शन जारी है। पुलिस ने अब 34 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसमें बवाल के मास्टर माइंड मौालाना तौकीर रजा की पार्टी के अहम चेहरे नदीम को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उसे शाहजहांपुर के कटरा से पकड़ा है। 21 और आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें से 16 लोग शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद बवाल के आरोपी हैं। जबकि 6 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद लोगों को भड़काया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की की संपत्ति और मुकदमों की हिस्ट्री खंगाली जा रही है। मौलाना को शरण देने वाले उसके दोस्त फहत के होटल स्काईलार्क को सील कर दिया गया है। उसके पास में आरिफ का फहम लॉन और फ्लोरा गार्डन भी सील कर दिया गया। आरिफ ने ही अतीक अहमद के भाई अशरफ के साले सद्दाम को शरण दी थी। इन दोनों आरोपियों की संपत्ति चिन्हित की जा रही है। जबकि होटल उनकी पत्नी आसिफा जमाल के नाम पर है। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए ने बताया कि मोहम्मद आरिफ का जलसा ग्रीन बरातघर पहले से ही सील है। चारों स्थानों पर मानचित्र की शर्तों के विपरीत अतिरिक्त निर्माण कराया गया है। बरेली विकास प्राधिकरण के प्रवर्तन दल ने तौकीर के करीबी आरिफ के एक होटल और दो बरातघर को सील कर दिया है ।एसपी सिटी मानुष परीक ने कहा कि बवाल करने के आरोपियों में से 13 कोतवाली और दो बारादरी थाना क्षेत्र के हैं। मौलाना की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को भूड़ कब्रिस्तान के पास लोगों को भड़काने और टोकने पर पुलिस टीम पर हमलावर होने के आरोप में प्रेमनगर थाने में नया मुकदमा दर्ज कर 6 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। अब तक 34 गिरफ्तार, 26 संदिग्धों से पूछताछ पुलिस ने अब तक मौलाना तौकीर रजा समेत कुल 34 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उन सभी को जेल भेजा जा चुका है। 26 ऐसे संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जिनपर बवाल में शामिल होने का शक है। बारादरी पुलिस ने श्यामगंज चौराहे के पास भीड़ के साथ पुलिस टीम पर एसिड अटैक करने वाले चक महमूद निवासी मोईन उर्फ चोटीकटवा और फैजुल को गिरफ्तार किया है। दोनों नामजद आरोपियों ने हिंसा भड़काने के लिए आपत्तिजनक नारे लगाते हुए बैरियर पर चढ़कर पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया था। पुलिस के मुताबिक तेजाब से भरी बोतलें फेंकी थीं। कोतवाली क्षेत्र के कुमार टॉकीज व आजमनगर इलाकों में पुलिस टीम पर हमला करने के आरोप में किला थाना क्षेत्र के मलूकपुर निवासी अदनान रजा, फरहान रजा, अहमद रजा, साहूकारा के तकीम, बाकरगंज के जुबैर, सईद अहमद, गुलाम नगर गुलाम के बशीर मियां की मजार निवासी साहिल, बारादरी थाना क्षेत्र के हजियापुर निवासी कोहिनूर, कांकर टोला के अदनान, कटी कुइयां के अफरोज, सेमलखेड़ा के अरहान, कोतवाली क्षेत्र के कुमार टॉकीज निवासी सलमान, सीबीगंज क्षेत्र के महेशपुरा निवासी रेहान को भी गिरफ्तार किया गया है। तौकीर रजा की गिरफ्तारी के बाद लोगों को भड़काने के आरोप में पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें प्रेमनगर थाना क्षेत्र के अजहरी चौक बानखाना निवासी आसिफ, नरकुलागंज निवासी इमरान, मुनीर, इम्त्याज, लल्ला मार्केट भूड़ निवासी फिरोज, बानखाना निवासी अनवर हुसैन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हाथ जोड़कर रोते दिखे आरोपी
पुलिस ने रविवार को जब गिरफ्तार आरोपियों को पेश किया तो कई आरोपी हाथ जोड़कर रोते नजर आए। रिजर्व पुलिस लाइन में पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाया गया कि कैसे जो लोग पहले पुलिस पर पथराव कर रहे थे, वही गिरफ्तारी के बाद माफी मांगते दिखे। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मौलाना तौकीर रज़ा की गिरफ्तारी और जेल शिफ्टिंग
पुलिस ने शुक्रवार हुए बवाल के करीब छह घंटे बाद ही रात 12 बजे मौलाना तौकीर रज़ा को गिरफ्तार कर लिया था। रात में ही उन्हें बारादरी थाने लाया गया। शनिवार सुबह करीब 5 बजे जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। 6 बजे ही उन्हें रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। इसके बाद 7 बजे सेंट्रल जेल 2 भेजा गया। हालात को देखते हुए 10 बजे दूसरी जेल में शिफ्ट करने का आदेश हुआ। 11:30 पर उन्हें रवाना किया गया और शाम 4 बजे फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में दाखिल किया गया। गिरफ्तारी और जेल शिफ्टिंग की यह पूरी कार्रवाई बेहद गोपनीय तरीके से की गई ताकि किसी तरह का हंगामा न हो। पुलिस ने इस मामले में पांच थानों में 10 मुकदमा दर्ज किया है। इसमें 3000 लोगों को आरोपी बनाया है। मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रज़ा समेत 27 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। जो 10 मुकदमा हुआ है, उसमें से सात मुकदमों में मौलाना खुद नामजद हैं। पुलिस का कहना है कि मौलाना ने ही पूरे बवाल की साजिश रची थी। पथराव और बरामदगी
कोतवाली और बारादरी पुलिस ने जिन 15 उपद्रवियों को पकड़ा, उनके पास से तमंचे, कारतूस, ईंट-पत्थर और जूते-चप्पल बरामद हुए हैं। आरोपी हजियापुर, कांकर टोला, गुलाबनगर, बाकरगंज, मलूकपुर और चक महमूद जैसे इलाकों के रहने वाले हैं। पुलिस का कहना है कि वीडियो फुटेज और मौके की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें पहचाना गया है। मुख्यमंत्री का आदेश और पुलिस की सख्ती
जुमा की नमाज के बाद खलील तिराहे पर भीड़ जमा हो गई थी। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। मस्जिद से निकली भीड़ को रोकने की कोशिश की। तभी धक्का-मुक्की शुरू हो गई। देखते ही देखते पथराव होने लगा। हालात बिगड़े तो पुलिस को लाठियां चलानी पड़ीं। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश दिए कि उपद्रवियों को बख्शा न जाए। उसी के बाद से पुलिस लगातार गिरफ्तारी कर रही है और इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। आईएमसी नेताओं की भूमिका
जांच में सामने आया कि आईएमसी के पूर्व जिलाध्यक्ष ने 55 लोगों को व्हाट्सएप कॉल कर करीब 1600 पत्थरबाज जुटाए थे। मौलाना की तैयारी केवल ज्ञापन देने की नहीं थी, बल्कि अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने की थी। भीड़ में नाबालिगों को आगे कर पुलिस से भिड़ाने की साजिश रची गई थी। पुलिस का कहना है कि यह सब पहले से तय रणनीति का हिस्सा था। तौकीर रज़ा का राजनीतिक और पारिवारिक प्रभाव मौलाना तौकीर रज़ा के परिवार का ताल्लुक आला हजरत दरगाह से है। उनके बड़े भाई मौलाना सुब्हान रज़ा खान दरगाह के प्रमुख हैं। पिता रेहान रज़ा खान एमएलसी रह चुके हैं। तौकीर रजा ने अलग-अलग समय पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा से नजदीकियां बनाई थीं। यही वजह है कि बरेली की राजनीति में उनका असर हमेशा बना रहा। पुलिस की अगली तैयारी कोतवाली में दर्ज मुकदमों की विवेचना सीबीगंज थाने के इंस्पेक्टर करेंगे। बारादरी थाने में दर्ज दो मुकदमों की जांच इज्जतनगर थाने के इंस्पेक्टर को सौंपी गई है। पुलिस ने साफ किया है कि किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन जो लोग हिंसा में शामिल पाए जाएंगे, उन्हें हर हाल में जेल भेजा जाएगा। 22 पुलिसकर्मी घायल, 125 नामजद आरोपी एसपी सिटी मानुष पारीक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बवाल के दौरान पथराव और फायरिंग में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कोतवाली में पांच, बारादरी में दो, किला, कैंट व प्रेमनगर थाने में एक-एक एफआईआर दर्ज कर 125 लोगों को नामजद किया गया है। 3 हजार अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। शामिल उपद्रवियों की पहचान वीडियो फुटेज और मौके पर मौजूद पुलिस टीम की रिपोर्ट से की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस निष्पक्ष कार्रवाई कर रही है। निर्दोष को कोई परेशानी नहीं होगी, लेकिन जो दोषी हैं उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। 5 पार्षदों की भूमिका पर पुलिस की निगाह भीड़ को खलील स्कूल तिराहे की ओर भेजने में पांच पार्षदों की भूमिका सामने आई है। उनमें एक पार्षद को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अब चार पार्षदों सहित 76 ऐसे लोगों की भूमिका की जांच कर रही है, जिन्होंने भीड़ काे इकट्ठा किया था। साक्ष्य के आधार पर पुलिस संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। तौकीर की गिरफ्तारी के बाद लोगों को भड़काने के आरोप में प्रेमनगर थाना क्षेत्र के अजहरी चौक बानखाना निवासी आसिफ, नरकुलागंज निवासी इमरान, मुनीर, इम्त्याज, लल्ला मार्केट भूड़ निवासी फिरोज, बानखाना निवासी अनवर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया है। माहौल और लोगों की प्रतिक्रिया बरेली शहर में इस पूरे बवाल के बाद माहौल अभी भी तनावपूर्ण है। पुलिस और पीएसी की तैनाती लगातार जारी है। मोहल्लों में लोग सहमे हुए हैं। दुकानदारों ने बताया कि जिस दिन बवाल हुआ, लोग अपनी दुकानें बंद कर भाग गए थे। अब भी कई बाजारों में ग्राहक कम नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर, आम लोग राहत की सांस ले रहे हैं कि प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की। इस तरह शुरू हुआ था 4 जगहों पर विवाद –पहला विवाद: शुक्रवार को सबसे पहले आला हजरत मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ी गई। इसके बाद नौमहला मस्जिद में नमाज शुरू हुई, जो 3 बजे तक चली। कुछ लोग नमाज पढ़ने के बाद घर चले गए। कुछ शरारती लोग जैसे ही नमाज खत्म हुई, हाथों में ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लेकर बाहर निकले। भीड़ नारेबाजी करते हुए इस्लामिया ग्राउंड की ओर जाने की कोशिश की। पुलिस ने रोका तो पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिसवालों ने लाठीचार्ज कर दिया। –दूसरा विवाद: इस्लामिया ग्राउंड के पास में ही आला हजरत मस्जिद और नौमहला मस्जिद है। आला हजरत मस्जिद की दूरी महज 200 मीटर है। जबकि नौमहला मस्जिद करीब 500 मीटर की दूरी पर है। इसी वजह से भीड़ इकट्ठी होती चली गई। आला हजरत मस्जिद से शुरू हुआ विवाद नौमहला मस्जिद तक पहुंचा। –तीसरा विवाद: इसके बाद बारादरी थाना क्षेत्र के श्यामगंज मार्केट में भी भीड़ हाथों में पोस्टर लेकर नारेबाजी करती हुई पुलिस पर पथराव करने लगी। बाजार में पथराव से भगदड़ मच गई। इसके बाद मौके पर मौजूद SSP अनुराग आर्य ने बवालियों पर लाठीचार्ज करने का आदेश किया। फिर पूरा बाजार बंद हो गया। –चौथा विवाद: इसके बाद कोतवाली के सामने नॉवेल्टी चौराहे पर भी पोस्टर लेकर लोग पहुंचे और पुलिस से भिड़ गए। पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसी बीच महादेव सेतु और जिला अस्पताल रोड से सैकड़ों की संख्या में लोग हाथों में पत्थर लेकर आए और पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने पत्थरबाजों पर लाठीचार्ज किया और आंसू गैस छोड़ी। इसके बाद लोग दुकानों और घरों से छिप-छिपकर पुलिस पर पथराव करने लगे। पुलिस के लाठीचार्ज के दौरान पूरी सड़क चप्पलों और ईंट-पत्थरों से बिछ गई। 4 जगहों पर बवाल में 4 घंटे जूझी पुलिस
शुक्रवार को यह पूरा बवाल 4 घंटे तक चला। दोपहर दो बजे शुरू हुआ हंगामा देखते ही देखते तेज होता गया। शाम छह बजे तक पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। इस बीच पुलिस एक तरफ स्थिति संभालती, तो दूसरी तरफ पथराव की खबर आ जाती थी। आला हजरत मस्जिद के पास से शुरू हुआ विवाद नौमहला मस्जिद, शहर कोतवाली, नॉवेल्टी चौराहे, आजमनगर, जिला अस्पताल रोड, श्यामगंज मार्केट, बिहारीपुर तक हुआ। इसके बाद पूरे शहर में अघोषित कर्फ्यू जैसे हालात हो गए। पूरा मार्केट बंद करा दिया गया। DIG अजय कुमार साहनी कहते हैं- 90 से 95 प्रतिशत लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से नमाज पढ़ी और वापस चले गए। लेकिन, कुछ शरारती तत्व आए और उन्होंने पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। ये घटनाएं शहर में 3-4 जगहों पर हुईं। I Love Muhammad विवाद कानपुर से शुरू हुआ था यह पूरा विवाद इसी महीने 4 सितंबर को कानपुर से शुरू हुआ। बारावफात (ईद मिलाद-उन्नबी) के जुलूस के दौरान एक समूह ने ‘I Love Muhammad’ लिखा एक बैनर/लाइटबोर्ड जुलूस मार्ग पर लगाया। स्थानीय हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। पुलिस ने बैनर हटाए और 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में विवाद बढ़ गया और कई अन्य शहरों व राज्यों में ‘I Love Muhammad’ के समर्थन में रैलियां, बैनर और पोस्टर लगे। हिंदू समुदाय ने इसके जवाब में “I Love Mahadev/Mahakaal” जैसे बैनर लगाए। ——————– ये खबर भी पढ़िए- योगी बोले- बिना मांगे जहन्नुम का टिकट करा देंगे:लातों के भूत बातों से नहीं मानते; दुस्साहस करोगे तो बरेली जैसा पिटोगे बरेली में जुमे पर ‘आई लव मोहम्मद’ को लेकर हुए बवाल पर सीएम योगी ने कहा- अराजकता कतई स्वीकार नहीं है। बिना मांगे जहन्नुम का टिकट कटवा देंगे। लातों के भूत बातों से नहीं मानते। इनको लगता है कि सरकार अब भी झुककर काम करेगी, लेकिन अब दुस्साहस करोगे तो वैसे ही पिटोगे, जैसे बरेली में पीटे गए। पढ़ें पूरी खबर…
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